केवल ‘वोट बैंक’ समझे जाने से नाराज वाल्मीकि संगठन ने दिल्ली में सभी लोकसभा सीटों पर उतारे उम्मीदवार
By भाषा | Published: April 21, 2019 05:14 AM2019-04-21T05:14:56+5:302019-04-21T05:14:56+5:30
एलायंस के संयोजक अशोक अग्यानी ने कहा, ‘‘हमने अपने सात उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से एक स्वच्छता कर्मचारी है। इनमें से दो उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किये जबकि दो अन्य ने आज दाखिल किये।’’
राजनीतिक दलों द्वारा केवल ‘‘वोट बैंक’’ के रूप में दलितों का इस्तेमाल करने से नाराज, दिल्ली में एक वाल्मीकि समुदाय संगठन ने राष्ट्रीय राजधानी में लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, ट्रेड यूनियन नेताओं और इस तरह के समुदायों के लिए काम करने वाले कुछ नागरिक समाज समूहों के गठबंधन ‘दिल्ली डेमोक्रेटिक एलायंस’ ने मौजूदा पार्टियों के खिलाफ विरोधस्वरूप, चुनाव से पहले अपने उम्मीदवार उतारे।
एलायंस के संयोजक अशोक अग्यानी ने कहा, ‘‘हमने अपने सात उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से एक स्वच्छता कर्मचारी है। इनमें से दो उम्मीदवारों ने बृहस्पतिवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किये जबकि दो अन्य ने आज दाखिल किये।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए नहीं, बल्कि यथास्थिति को चुनौती देने के लिए चुनाव में उतरे हैं। हम खुद को महज वोट बैंक समझकर थक चुके हैं। हम पार्टियों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए उनका शोषण किए जाने से थक चुके हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इन पार्टियों द्वारा केवल चुनावों के दौरान याद किया जाता है। हमारी आर्थिक स्थिति को देखने के लिए कोई नहीं आता है। हम सदियों पहले से सीवर और कचरा साफ कर रहे थे, हमने इसे ब्रिटिश समय के दौरान किया था और आजादी के 70 वर्षों के बाद, अभी भी वही कर रहे हैं।’’
वाल्मीकि अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से संबंधित है और यह समुदाय मंगोलपुरी से सुल्तानपुरी और त्रिलोकपुरी से तुगलकाबाद तक पूरी दिल्ली में फैला हुआ है। एक व्यापार संघ िक नेता अग्यानी (49) ने आरोप लगाया कि देश में इस समय मौजूद दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां ‘‘पूंजीवादी’’ और ‘‘मनुवादी’’ हैं।