अब डिजिटल मीडिया सूचना-प्रसारण मंत्रालय के अधीन, मोदी सरकार का फैसला, जानें अधिसूचना में क्या
By स्वाति सिंह | Published: November 11, 2020 04:04 PM2020-11-11T16:04:13+5:302020-11-11T16:09:04+5:30
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित इस अधिसूचना में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 77 के खंड तीन में निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत सरकार ने (कार्य आबंटन) नियमावली, 1961 को संशोधित करते हुए यह फैसला किया है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध फिल्म, दृश्य-श्रव्य और समाचार व समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में लाने का फैसला किया है। कैबिनेट सचिवालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के मुताबिक नेटफ्लिक्स जैसे ऑनलाइन सामग्री प्रादाताओं को भी मंत्रालय के दायरे में लाया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षरित इस अधिसूचना में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 77 के खंड तीन में निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए भारत सरकार ने (कार्य आबंटन) नियमावली, 1961 को संशोधित करते हुए यह फैसला किया है। अधिसूचना के साथ ही यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।
इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध फिल्म, दृश्य-श्रव्य और समाचार व समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों की नीतियों के विनियमन का अधिकार मिल गया है। अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘इन नियमों को भारत सरकार (कार्य आबंटन) 357वां संशोधन नियमावली, 2020 कहा जाएगा। ये एक ही बार में लागू होंगे।’’
पिछले साल सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे कि मीडिया की स्वतंत्रता पर कोई असर पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ फिल्म्स पर जिस तरह का नियमन है, उसी तरह का कुछ नियमन ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर भी होना चाहिए।