बिहार विधानसभा चुनाव में एक ऐसा भी सीट, जहां पिता ही अपने पुत्र को हराने पर हैं आमदा, बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भरा नामांकन

By एस पी सिन्हा | Published: October 18, 2020 06:12 PM2020-10-18T18:12:57+5:302020-10-18T18:14:15+5:30

बताया जाता है कि महागठबंधन में हुए सीट के बंटवारे में पीरपैंती सीट राजद के खाते में गई है. जहां से राजद ने पिछली बार 2015 में चुनाव जीते नेता रामविलास पासवान को ही फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है.

One such seat in the Bihar Assembly elections, where the father is the only man to defeat his son, a nomination filled as an independent candidate. | बिहार विधानसभा चुनाव में एक ऐसा भी सीट, जहां पिता ही अपने पुत्र को हराने पर हैं आमदा, बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भरा नामांकन

भागलपुर जिले के पीरपैंती सीट से बाप-बेटा दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनवा लड़ रहे हैं (फोटो सोशल मीडिया)

Highlightsइसी सीट से चुनाव लड़ने रामविलास पासवान के पिता उधाली पासवान भी मैदान में कूद गये हैं. राजद उम्मीदवार के पिता ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है.

पटना: बिहार में हो रहे विधानसभा के चुनाव में भागलपुर जिले का पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र में एक बडा ही दिलचस्प मामला सामने आया है. यहां एक पिता ने अप्ने पुत्र को ही हराने की ठान ली है और चुनावी मैदान में कूद गये हैं. ऐसे में पिता-पुत्र का चुनावी मैदान में एक दूसरे के आमने-सामने होने के कारण यह चर्चा का विषय बना हुआ है. 

बताया जाता है कि महागठबंधन में हुए सीट के बंटवारे में पीरपैंती सीट राजद के खाते में गई है. जहां से राजद ने पिछली बार 2015 में चुनाव जीते नेता रामविलास पासवान को ही फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं इसी सीट से चुनाव लड़ने रामविलास पासवान के पिता उधाली पासवान भी मैदान में कूद गये हैं.

उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है. उनका एकमात्र मकसद यही है कि किसी तरह से उनका बेटा यह चुनाव हार जाये.

पिछली बार भी उन्होंने बतौर निर्दलिए उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल किया था, लेकिन सामाजिक दबाव के वजह से आखिरी समय में अपना नामांकनवापस ले लिया था. लेकिन इसबार वह कुछ भी मानने को तैयार नही दिखते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि वह अपने पुत्र से खुश नही हैं. 

यहां बता दें कि पीरपैंती सीट पर मतदान दूसरे चरण में 3 नवंबर को होना है. भाजपा ने इस सीट से ललन पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2015 के चुनाव में भी राजद के रामविलास पासवान व भाजपा के प्रत्याशी रहे ललन पासवान के बीच ही टक्कर हुई थी.

जिसमें राजद प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी को 5144 मतों से शिकस्त दी थी. ऐसे में अगर पिता अपने जीद पर कायम रहते हैं तो संभव है कि इससे राजद प्रत्याशी की मुश्किलें काफी बढ़ जाये.

Web Title: One such seat in the Bihar Assembly elections, where the father is the only man to defeat his son, a nomination filled as an independent candidate.

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