मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद हटने की घोषणा करने के बाद शरद पवार ने महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों को एक बड़ा झटका दिया है।
मंगलवार को अचानक शरद पवार के पार्टी से अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबरों के बीच उनके समर्थक काफी भावुक हो गए। इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के सांसद संजय राउत जो कि पवार के बेहद करीबी माने जाते हैं, उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
संजय राउत ने बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए कहा कि ऐसे ही बालासाहेब ने भी गंदी राजनीति से तंग आकर मुखिया पद से इस्तीफा दिया था।
संजय राउत के इस बयान से साफ है कि उन्होंने शरद पवार की तुलना बालासाहेब ठाकरे से सीधे तौर पर की है। इस बीच शरद पवार के इस्तीफे के कारण इस समय महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। पवार के समर्थक इस इस्तीफे से खुश नहीं है और वह चाहते हैं कि पवार इस्तीफा न दें।
इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, "ऐसा लगता है कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है, गंदी राजनीति और आरोपों से तंग आकर शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन शिवसैनिकों के प्यार के कारण उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा। बालासाहेब की तरह ही पवार भीराज्य की राजनीति की आत्मा हैं।"
वहीं, एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि शरद पवार के इस फैसले से देशभर के कार्यकर्ता सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम उनके मन को बदलने के लिए प्रयास करेंगे हमारा फैसला है कि वह आखिरी सांस तक एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहें।
बता दें कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उनके एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा पर कहा कि कमेटी जो भी फैसला लेगी वह मान्य होगा।
अजित पवार ने कहा कि शरद पवार एक नए व्यक्ति को पार्टी का नेतृत्व देने के बारे में सोच रहे हैं। शरद पवार के अधीन काम करेगी। जो भी नया नेता होगा वह हमेशा पवार साहब के अधीन काम करेगा।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि इन सबके बीच वह भावुक न हो। उन्होंने कहा कि उन्होंने शरद पवार से बात की है और वह अब अपना फैसला नहीं बदलेंगे।