’दावत-ए-इफ्तार’ के बहाने बिहार में 'चुनावी रफ़्तार',ने पकड़ी रफ़्तार, नेताओं के यहां दी जाने लगी है इफ्तार पार्टी

By एस पी सिन्हा | Updated: March 24, 2025 20:01 IST2025-03-24T20:00:55+5:302025-03-24T20:01:27+5:30

इसी कड़ी में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था। हालांकि इमारत-ए-सरिया सहित करीब साथ मुस्लिम संगठनों ने इस इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया था। 

On the pretext of 'Dawat-e-Iftar', 'election momentum' has gained momentum in Bihar, Iftar parties are being hosted at the residences of leaders | ’दावत-ए-इफ्तार’ के बहाने बिहार में 'चुनावी रफ़्तार',ने पकड़ी रफ़्तार, नेताओं के यहां दी जाने लगी है इफ्तार पार्टी

’दावत-ए-इफ्तार’ के बहाने बिहार में 'चुनावी रफ़्तार',ने पकड़ी रफ़्तार, नेताओं के यहां दी जाने लगी है इफ्तार पार्टी

पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर सभी सियासी दलों ने तैयारियां करने में जुट गई हैं। इसी कड़ी में ’दावत-ए-इफ्तार’ के बहाने बिहार में 'चुनावी रफ़्तार',को भी तेज किया जाने लगा है। दरअसल, माहे रमजान चल रहा हो तो सभी सियासी दल मुसलमानों को अपने पक्ष में करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास में दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था। हालांकि इमारत-ए-सरिया सहित करीब साथ मुस्लिम संगठनों ने इस इफ्तार पार्टी का बहिष्कार किया था। 

इसके बावजूद भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। वहीं एनडीए के नेताओं ने भी इस इफ्तार पार्टी में शामिल होकर एकजुटता दिखाई थी। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी शामिल हुए थे। इस पार्टी में मुख्यमंत्री और राज्यपाल की केमिस्ट्री देखने को मिली थी। 

हालांकि जदयू की ओर से इफ्तार पार्टी के बहिष्कार को खारिज किया था। अब आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रोजेदारों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। उनका दावा है की बिहार में एमवाई(माय) समीकरण आज भी उनके साथ हैं। हालांकि इसका आयोजन राबड़ी आवास की बजाय पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी के 12 स्ट्रैंड रोड स्थित आवास पर किया गया था। 

रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी का बहिष्कार करने वाले मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने आज इसमें शिरकत की। इससे बिहार में सियासी पारा हाई हो गया है। हालांकि राजद के लोगों का कहना है कि लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कई सियासी दलों के नेताओं के साथ-साथ मुस्लिम समाज के लोगों को बुलावा भेजा गया था। 

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दी गई इफ्तार पार्टी में मुस्लिम धार्मिक संगठनों के बॉयकॉट पर मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि इससे जदयू की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि कि जिन लोगों ने भी बायकाट का निर्णय लिया निश्चित तौर पर उनका अपना निर्णय था। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पहुंचे थे, इसका सीधा मतलब है कि उसका कोई बहुत बड़ा असर नहीं पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए हमेशा काम किया है। विजय चौधरी ने कहा कि धार्मिक संगठनों को सियासी रूप नहीं लेना चाहिए और जिन कुछ राजनीतिक दलों के चक्कर में धार्मिक संगठन के कुछ लोगों ने इस तरह से इस चीज को बॉयकॉट के रूप में लिया, कहीं ना कहीं इसका बहुत असर नहीं पड़ा है।

 

Web Title: On the pretext of 'Dawat-e-Iftar', 'election momentum' has gained momentum in Bihar, Iftar parties are being hosted at the residences of leaders

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