‘महिला किसान दिवस’ के मौके पर महिला किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर पर संभाला मोर्चा
By भाषा | Updated: January 18, 2021 20:59 IST2021-01-18T20:59:52+5:302021-01-18T20:59:52+5:30

‘महिला किसान दिवस’ के मौके पर महिला किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर पर संभाला मोर्चा
नयी दिल्ली, 18 जनवरी राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बॉर्डरों पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में सोमवार को ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ के मौके पर बड़ी संख्या में महिला किसानों ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने न केवल प्रदर्शन का नेतृत्व किया बल्कि भीड़ को संभालने, चंदा जमा करने समेत अन्य जिम्मेदारियों को भी उठाया।
पिछले करीब 50 दिन से ज्यादा समय से चल रहे इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में महिलाएं प्रदर्शन स्थल पर पहुंची। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का केंद्र माने जा रहे सिंघू बॉर्डर पर महिला किसान चुनिंदा स्थानों पर लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करती, विभिन्न स्वयंसेवकों के साथ समन्वय बिठाकर काम करती हुई दिखीं। ये सभी काम अब तक पुरुषों द्वारा किए जा रहे थे। महिलाओं ने यहां की दिनचर्या को पूरी तरह संभाला।
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी की कविता कुरुगंती ने कहा, ‘‘ सिंघू बॉर्डर के मंच का प्रबंधन महिलाओं द्वारा किया गया और सभी वक्ता भी महिलाएं थीं। भारत के विभिन्न स्थानों पर महिला किसानों ने महिला किसान दिवस के मौके पर रैलियों, धरनों और बैठकों का आयोजन किया।’’
सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं एक महिला ने कहा, ‘‘ मैं विभिन्न स्वयंसेवकों के साथ तालमेल बिठाने का काम कर रही हूं तथा बुजुर्गों की मदद भी कर रही हूं।’’
दिल्ली के कई महिला संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सोमवार को ‘महिला किसान दिवस’ मनाने के आह्वान को अपना समर्थन दिया।
किसान एकता मोर्चा ने मौजूदा विरोध प्रदर्शन से जुड़े आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सोमवार सुबह ट्वीट करते हुए सोशल मीडिया उपयोकर्ताओं से अपील की थी कि वे हैशटैग ‘महिला किसान कृषि कानूनों के खिलाफ है’ का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट करें।
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