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चीन के साथ तनाव पर सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा- ड्रैगन को आर्थिक चोट पहुंचाने की जरूरत

By अनुराग आनंद | Updated: June 21, 2020 14:38 IST

भारत सरकार के मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पहली बार चीन ने फिंगर फोर व पोस्ट 14 के पास अपना सैनिक जमावड़ा लगाया है। इससे साफ है कि वह अब इस क्षेत्र पर अपनी बुरी नजर गड़ाए हुए बैठा है।

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ठळक मुद्देवीके सिंह ने कहा कि साल 1962 के युद्ध से अब तक उन्होंने कभी नहीं बताया कि उनके कितने सैनिक हताहत हुए।वीके सिंह ने कहा कि एलएसी को लेकर 1959 के नक्शे से व्याख्या है और चीन इसको लेकर अपने दावे आगे बढ़ाता रहता है।वीके सिंह ने यह मानने से इनकार किया है कि चीनी सैनिक भारत की सीमा के अंदर घुसे हैं।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीनी सेना द्वारा धोखे से भारतीय जवानों पर हुए हमला में 20 जवानों के शहीद होने पर नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री व पूर्व सेनाअध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि युद्ध तो अंतिम विकल्प है। इससे पहले कई विकल्पप हैं, जिसके माध्यम से भारत चीन को करारा जवाब दे सकता है। उन्होंने कहा कि चीन के हालिया रवैया से दोनों देशों के बीच विश्वास में कमी आई है। 

एचटी रिपोर्ट की मानें तो इसके साथ ही वीके सिंह ने कहा कि भारत को चीन के साथ आर्थिक तौर पर बॉयकोट कर देना चाहिए। इससे चीन की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा। 

एक सवाल के जवाब में वीके सिंह ने कहा कि हालात भारतीय सैनिकों के नियंत्रण में है। कोई घुसपैठ नहीं हुई है। जहां पीपी 14 का संबंध है, वहां कोई घुसपैठ नहीं है। जहां पीपी 15 क्षेत्र का संबंध है, हर साल वे स्थानांतरित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हम हर साल उन्हें वापस भेज देते हैं।

वीके सिंह ने कहा कि सीमा पर चीन ने इस बार कुछ ऐसा जरूर किया जो पहले उसने नहीं किया है-

वीके सिंह ने कहा कि पैंगोंग सो में गर्मियों और सर्दी के मौसम में कभी कभार ऐसी स्थिति आती रहती है। लेकिन, इसके साथ ही वीके सिंह ने कहा कि इस बार उन्होंने कुछ ऐसा किया, जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया था। वीके सिंह ने कहा कि चीन ने इस बार फिंगर 4 पर अपने कुछ सैनिकों को इकट्ठे करने की कोशिश। यह उन्होंने पहली बार किया है। इससे उनका उद्देश्य साफ है कि वे हमें फिंगर 4 से पीछे करना चाहते हैं लेकिन हमारे सैनिक उन्हें जवाब दे रहे हैं।

सोनम वांगचुक भी कर रहे हैं चीन को आर्थिक बॉयकोट करने की बात-

बर्फ के रेगिस्तान लद्दाख में शिक्षा का चेहरा बदलने वाले सोनम वांगचुक का कहना है कि चीन ने अपनी आंतरिक परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए सीमा पर भारत के साथ टकराव की रणनीति अपनाई है। सीमा पर तो जांबाज सैनिक इसका जवाब दे रहे हैं, लेकिन देश की जनता को भी चीनी सामान का बहिष्कार कर चीन पर ‘बुलेट और वॉलेट’ की दोहरी मार करनी होगी। 

शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले सोनम वांगचुक ने पिछले दिनों लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुए टकराव को चीन की सोची समझी साजिश करार दिया और ‘बायकॉट मेड इन चाइना’ अभियान की शुरूआत करते हुए देश के नागरिकों से चीन को आर्थिक मोर्चे पर घेरने का आह्वान किया। 

सोनम वांगचुक का कहना है कि हम चीन से मोतियों से लेकर कपड़ों तक पांच लाख करोड़ का सामान खरीदते हैं और यही पैसा सीमा पर हथियार और बंदूक के तौर पर वापस हमारे सैनिकों की मौत का कारण बन सकता है। 

रोलेक्स अवार्ड और रमन मैगसायसाय पुरस्कार हासिल करके अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल करने वाले सोनम वांगचुक का कहना है कि चीन सिर्फ भारत के साथ ही बिना वजह छेडछाड़ नहीं कर रहा, वह दक्षिण चीन सागर में वियतनाम, ताइवान और अब हांगकांग के साथ भी ऐसा ही कर रहा है। उनका मानना है कि चीन अपनी अंदरूनी समस्याओं से बचने के लिए इस तरह की हरकतों को अंजाम दे रहा है।  

टॅग्स :चीनभारतीय सेनाइंडियालद्दाख
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