भाजपा में घुलमिल नहीं पा रहे पुराने कांग्रेसी!

By महेश खरे | Updated: August 21, 2019 08:07 IST2019-08-21T08:07:25+5:302019-08-21T08:07:25+5:30

नेताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है. राज्यसभा उपचुनाव के समय जो वादे किए गए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किए जाने का दर्द इन नेताओं को मन ही मन साल रहा है. नाम उजागर ना करने की शर्त पर एक नेता ने कहा कि मतलब निकल गया, अब पहचानते नहीं.

Old Congressmen are not able to mix in BJP who left their party in Gujarat | भाजपा में घुलमिल नहीं पा रहे पुराने कांग्रेसी!

पुरानी सियासी कड़वाहट ना तो भाजपाई भूल पा रहे हैं और ना ही कांग्रेस से आए लोग.

Highlightsगुजरात के विभिन्न इलाकों के कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हुए कार्यकर्ताओं का तो यही अनुभव है. हालांकि अभी खुल कर कोई सामने नहीं आ रहा है

अपना मातृदल छोड़कर भाजपा का केसरिया वेष धारण करने वाले हजारों पुराने कांग्रेसी नए सियासी चोले में सहज नहीं हो पा रहे. जिस बिंदास अंदाज से ये नेता और कार्यकर्ता कांग्रेसी के रूप में काम करते थे, वैसा भाव अब नजर नहीं आता. गुजरात के विभिन्न इलाकों के कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हुए कार्यकर्ताओं का तो यही अनुभव है.

हालांकि अभी खुल कर कोई सामने नहीं आ रहा है, लेकिन भरोसेमंदों के बीच इन दिनों भाजपा के मंच पर उपेक्षा का दर्द बयां होने लगा है. ज्यादातर यही सोचने लगे हैं कि दलबदल करने के बदले उन्हें परायेपन का अहसास ही ज्यादा मिला. एक कार्यकर्ता ने कहा कि इससे तो अपने ही घर में अच्छे थे. यहां तो अपनों के बीच बेगाने हो गए.

भाजपा के कार्यक्रमों में भागीदारी कम नेताओं को तो उतना फर्कनहीं पड़ा, लेकिन कार्यकर्ताओं को नई पार्टी में मनमाफिक ठौर नहीं मिल पाने से बहुत फर्कपड़ रहा है. पुरानी सियासी कड़वाहट ना तो भाजपाई भूल पा रहे हैं और ना ही कांग्रेस से आए लोग. नई भूमिका में अपेक्षित महत्व नहीं मिल पाने के कारण पार्टी के कार्यक्र मों में इनकी हिस्सेदारी भी कम होती जा रही है. बार -बार देनी पड़ रही है परीक्षा एक नेता ने तो यहां तक कहा कि पुराने कांग्रेसी को भाजपा में फूंक-फूंक कर कदम रखने पड़ रहे हैं. संदिग्ध निगाहें उनमें कुछ तलाशती नजर आती हैं.

विश्वास जमाने के लिए बार-बार परीक्षा देनी पड़ रही है. सदस्यता अभियान की चर्चा करते हुए इस कार्यकर्ता ने झुंझलाते हुए कहा हमारा कोटा फिक्स था. कितने कांग्रेसियों को हमने जोड़ा इसकी अलग से सूची बनी. वादे नहीं निभाए जाने का दर्द दलबदल के समय भाजपा नेतृत्व ने जो वादे किए थे, अब उनकी चर्चा ही नहीं हो रही.

ऐसे नेताओं में इस बात को लेकर नाराजगी है. राज्यसभा उपचुनाव के समय जो वादे किए गए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किए जाने का दर्द इन नेताओं को मन ही मन साल रहा है. नाम उजागर ना करने की शर्त पर एक नेता ने कहा कि मतलब निकल गया, अब पहचानते नहीं.

Web Title: Old Congressmen are not able to mix in BJP who left their party in Gujarat

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