अपने राज्य में ही खुश हैं अधिकारी-कर्मचारी, केंद्र में नहीं देना चाहते सेवा!

By हरीश गुप्ता | Updated: November 8, 2019 08:34 IST2019-11-08T08:34:37+5:302019-11-08T08:34:37+5:30

केंद्र सरकार के कर्मचारी, आईएएस, आईपीएस तथा अन्य अधिकारी दिल्ली में आकर नरेंद्र मोदी प्रशासन के तहत सेवाएं देने के लिए अनिच्छुक नजर आते हैं. चाहे महाराष्ट्र हो, या फिर प्रधानमंत्री मोदी का गृहराज्य गुजरात, सभी जगह कहानी एक जैसी है.

Officers and employees are happy in their own state, do not want to give service in the center! | अपने राज्य में ही खुश हैं अधिकारी-कर्मचारी, केंद्र में नहीं देना चाहते सेवा!

अपने राज्य में ही खुश हैं अधिकारी-कर्मचारी, केंद्र में नहीं देना चाहते सेवा!

Highlightsवर्ष 2018-19 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की दर पिछले 5 वर्षों में सबसे कम रहीइस दौरान सिर्फ 153 प्रशासनिक अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया.

केंद्र सरकार के कर्मचारी, आईएएस, आईपीएस तथा अन्य अधिकारी दिल्ली में आकर नरेंद्र मोदी प्रशासन के तहत सेवाएं देने के लिए अनिच्छुक नजर आते हैं. चाहे महाराष्ट्र हो, या फिर प्रधानमंत्री मोदी का गृहराज्य गुजरात, सभी जगह कहानी एक जैसी है. अधिकारी-कर्मचारी दिल्ली में आकर सेवाएं देना नहीं चाहते और अपने-अपने राज्यों के 'आरामदायक माहौल' में खुश हैं. दिलचस्प रूप से केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत वर्ष 2018-19 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की दर पिछले 5 वर्षों में सबसे कम रही और इस दौरान सिर्फ 153 प्रशासनिक अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया.

केंद्र में भेजे जाने वाले अधिकारियों का महाराष्ट्र का कोटा 78 अधिकारियों का है, लेकिन राज्य ने अधिकारियों की कमी का हवाला देते हुए सिर्फ 24 अफसरों को ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजा. गुजरात की कहानी भी इससे अलग नहीं थी, जहां से 64 अफसरों के बदले सिर्फ 17 की ही प्रतिनियुक्ति हुई. केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत वर्ष 2014-15 में 340 अधिकारियों की नियुक्ति हुई थी. वर्ष 2015-16 में यह संख्या 320, जबकि 2016-17 में 247 थी. वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा कम होकर 211 पर पहुंच गया. उपलब्ध आंकड़ों को देखें, तो पता चलता है कि दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अफसरों-कर्मचारियों की संख्या में कमी चिंताजनक स्थिति पर पहुंच रही है.

आईआरएस अफसर पहले बढ़े, फिर हुई कमी

केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) और डाक विभाग के अफसरों-कर्मियों की संख्या में पहले उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई दी, लेकिन फिर इसमें भी कमी आती गई. केंद्रीय स्टाफिंग योजना के तहत 2014-15 में आईआरएस और डाक विभाग के 196 अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजा गया. 2015-16 में संख्या बढ़कर 237 और 2016-17 में 246 हो गई. आंकड़ों के मुताबिक, इसके बाद यह संख्या कम होती गई और 2017-18 में सिर्फ 171, जबकि 2018-19 में 195 अफसरों ने ही दिल्ली में काम करना पसंद किया.

एक जनवरी, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, देश में आईएएस अधिकारियों की कुल संख्या 6500 है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति नियमों के तहत 1381 अधिकारियों को केंद्र सरकार की सेवा में भेजा जाना चाहिए था, लेकिन सिर्फ 507 अधिकारी ही केंद्र में काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की ओर से 134 अधिकारी भेजे जाने थे, लेकिन उसने सिर्फ 44 अधिकारी ही केंद्र में भेजे हैं.

प्रतिनियुक्ति की स्थिति

राज्यभेजना थाभेजे गए
महाराष्ट्र7824
मध्य प्रदेश9028
केरल5031
झारखंड4510
हरियाणा4412
देश1381507

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