ओडिशाः कोर्ट ने तीन बच्चों की मां होने की वजह से पंचायत समिति की चेयरपर्सन को ठहराया अयोग्य, BJD विधायक की हैं पत्नी
By रामदीप मिश्रा | Published: October 2, 2019 08:31 AM2019-10-02T08:31:16+5:302019-10-02T08:31:16+5:30
ओडिशा: कंधमाल जिले की न्यायाधीश गौतम शर्मा ने ओडिशा पंचायत समिति अधिनियम के तहत दरिंगीबाड़ी पंचायत समिति की चेयरपर्सन सुब्रह्मणि प्रधान को अयोग्य करार दिया।
ओडिशा के आदिवासी बहुल कंधमाल जिले की जिला अदालत ने पंचायती राज निकाय की एक महिला प्रतिनिधि को अयोग्य घोषित करार दिया, क्योंकि उसके दो से अधिक बच्चे थे। दरअसल, महिला ने पंचायत समिति अधिनियम का उल्लंघन किया था, जिसमें पंचायती राज निकाय में किसी भी पद पर रहते हुए दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए।
जिले की न्यायाधीश गौतम शर्मा ने ओडिशा पंचायत समिति अधिनियम के तहत दरिंगीबाड़ी पंचायत समिति की चेयरपर्सन सुब्रह्मणि प्रधान को अयोग्य करार दिया। उन्होंने 1994 में संशोधित अधिनियम के उल्लंघन का दोषी पाया गया। सुब्रह्मणि जी उदयगिरी विधानसभा क्षेत्र से बीजेडी विधायक सलूगा प्रधान की पत्नी हैं।
खबरों के अनुसार, ताजुंगिया पंचायत समिति की सदस्य रूडा मल्लिक ने प्रधान के खिलाफ याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों से बचने के लिए बच्चों की संख्या छिपाई। प्रधान को 2017 में दरिंगीबाड़ी पंचायत समिति का अध्यक्ष चुना गया था।
मल्लिक के वकील सिध्देश्वर दास ने कहा कि प्रधान ने अपने बच्चों की संख्या छिपाई है ताकि वह पंचायती राज प्रतिनिधि के रूप में चुनी जा सकें। उन्होंने बताया कि 1996 में उनका एक बेटा था। वहीं, इससे पहले की उनकी दो बच्चियां हैं। वहीं, प्रधान ने कहा कि वह उड़ीसा हाईकोर्ट में जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेंगी।
बता दें, 1991 की जनगणना के बाद पंचायतों में दो-बच्चों के नियम की बात सामने आई थी, जिसमें राष्ट्रीय विकास परिषद ने 1992 में केरल के सीएम के. करुणाकरण की अध्यक्षता में जनसंख्या पर एक समिति का गठन किया था। करुणाकरण पैनल ने सिफारिश की थी कि इस कानून को अमल में लाया जा सकता है।