लाइव न्यूज़ :

भारत में पांच साल की उम्र तक के बच्चों में बढ़ रहा है मोटापा, विशेषज्ञों ने जतायी चिंता

By भाषा | Updated: November 28, 2021 15:43 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 28 नवंबर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पांच साल की उम्र तक के बच्चों में मोटापा बढ़ा है और 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में मोटे बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है।

विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए शारीरिक गतिविधियां कम होना और अस्वास्थ्यकर भोजन को जिम्मेदार बताया है। एनएफएचएस-4 में 2.1 प्रतिशत के मुकाबले मोटापे से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़कर एनएफएचएस-पांच में 3.4 प्रतिशत हो गयी है।

एनएफएचएस के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, न केवल बच्चों बल्कि महिलाओं और पुरुषों में भी मोटापा बढ़ा है। मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या 20.6 प्रतिशत से बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी है जबकि पुरुषों में यह संख्या 18.9 प्रतिशत से बढ़कर 22.9 प्रतिशत हो गयी है।

सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और लद्दाख समेत कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल तक की उम्र के बच्चों में मोटापे में वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि 2015 और 2016 के बीच किए गए एनएफएचएस-4 में यह संख्या कम थी।

केवल गोवा, तमिलनाडु, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में पांच साल तक के बच्चों में मोटापे में कमी दर्ज की गयी है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं में मोटापा बढ़ा है जबकि 33 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है।

उल्लेखनीय है कि उन पुरुषों तथा महिलाओं को मोटा माना जाता है जिनका ‘‘बॉडी मास इंडेक्स’’ 25.0 किलोग्राम/एम2 से अधिक या उसके समान पाया जाता है जबकि बच्चों में मोटापा लंबाई के अनुपात में वजन के आधार पर मापा जाता है।

स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने मोटापा बढ़ने के लिए अस्वास्थ्यकर भोजन और कम शारीरिक गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है।

पोपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुतरेजा ने बताया कि भारतीय महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में पिछले 15 वर्षों में मोटापा बढ़ने की प्रवत्ति के पीछे की वजह बढ़ती आय, खान-पान की खराब आदतें और अस्वास्थ्य जीवन शैली है।

सेव द चिल्ड्रन, इंडिया की पोषण प्रमुख डॉ. अंतर्यामी दास ने कहा कि हर देश कुपोषण के दोहरे बोझ की ऐसी स्थिति में जा रहा है जहां कुपोषित और अत्यधिक पोषित लोग एक साथ मौजूद हैं। पश्चिम देशों ओर औद्योगिकृत देशों में यह सबसे अधिक है लेकिन धीरे-धीरे विकासशील देशों में भी आ रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटसबसे आगे विराट कोहली, 20 बार प्लेयर ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार, देखिए लिस्ट में किसे पीछे छोड़ा

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्रिकेटYashasvi Jaiswal maiden century: टेस्ट, टी20 और वनडे में शतक लगाने वाले छठे भारतीय, 111 गेंद में 100 रन

क्रिकेटVIRAT KOHLI IND vs SA 3rd ODI: 3 मैच, 258 गेंद, 305 रन, 12 छक्के और 24 चौके, रांची, रायपुर और विशाखापत्तनम में किंग विराट कोहली का बल्ला

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत