बिहार के समस्तीपुर में विश्व एड्स दिवस पर नर्सिंग छात्राओं ने निकाली एड्स जागरूकता रैली, लगाए विवादित नारे, VIDEO
By एस पी सिन्हा | Updated: December 3, 2025 17:11 IST2025-12-03T17:11:34+5:302025-12-03T17:11:54+5:30
इस रैली को सदर अस्पताल से जिला सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

बिहार के समस्तीपुर में विश्व एड्स दिवस पर नर्सिंग छात्राओं ने निकाली एड्स जागरूकता रैली, लगाए विवादित नारे, VIDEO
पटना: बिहार के समस्तीपुर में विश्व एड्स दिवस पर 1 दिसंबर को नर्सिंग छात्राओं ने एड्स जागरूकता के लिए एक रैली निकाली। इस रैली में कुछ नारे लगाए गए, जो चर्चा का विषय बन गए हैं। जीएनएम छात्राओं के द्वारा लगाया जा रहा था नारा, "पति है आवारा, तो कंडोम ही है सहारा" और "परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स नहीं लाना बलम जी" शामिल थे। इस रैली को सदर अस्पताल से जिला सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बताया जाता है कि विश्व एड्स दिवस पर समस्तीपुर में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं ने जागरूकता रैलियां निकाली। छात्राओं ने पोस्टर और स्लोगन के जरिए लोगों को एड्स के बारे में जागरूक किया और सुरक्षित जीवनशैली अपनाने की सलाह दी। इस दौरान जीएनएम छात्राओं के द्वारा ऐसे बोल्ड नारे लगाए जाने पर सुनने वाले लोग हंस रहे थे।
छात्राओं ने नारा लगाया कि ‘अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो’ और ‘परदेस नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी’ जैसे तंज भरे नारे लगाए। छात्राओं की इस रैली के दौरान अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य कर्मी भी मौजूद रहे। हालांकि इसे लेकर अब विवाद खड़ा होता नजर आ रहा है। इसके बाद प्रशासन ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि अधिकारियों ने ये नारे नहीं दिए थे। बता दें कि समस्तीपुर सदर अस्पताल से छात्राओं की रैली में हाथों में लाल रिबन, रंग-बिरंगे पोस्टर और मुंह पर बेबाकी साफ छलक रही थी।
छात्राओं द्वारा लगाए जा रहे ये नारे सिर्फ मजाक नहीं थे, बल्कि सीधा संदेश दिया जा रहा था कि पति अगर बाहर कमाने जाता है, तो सिर्फ पैसा ही लाए, बीमारी नहीं। इसके लिए घर की महिलाओं को शर्म छोड़कर समझदारी से जिंदगी जीना चाहिए। छात्राओं की इस रैली को अस्पताल प्रशासन, डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की मौजूदगी ने एक बड़े आंदोलन का रूप दे दिया। छात्राओं की इस रैली को देखकर लोग पहले तो चौंके उठे, फिर तालियां बजाईं।
इसके साथ ही रास्ते से जा रहे राहगीर फोटो खींचने लगे। रास्ते में हर चौराहे पर लोग रुक-रुक कर नारे पढ़ते और पर्चे लेते दिखे। इस दौरान छात्रों के साथ डॉक्टर, नर्स और अस्पताल स्टाफ भी मौजूद रहा। इस रैली के दौरान छात्राओं ने साफ कहा कि एड्स कोई गाली नहीं है, ये बीमारी है और इसका इलाज भी संभव है। इसके इलाज के लिए सबसे अधिक सावधानी और जागरूकता ही जरूरी है।
विश्व एड्स दिवस पर बिहार के समस्तीपुर की जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफ कॉलेज की छात्राओं ने बड़ा जोरदार नारा लगाया
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) December 2, 2025
1:–अगर पति आवारा हो, कंडोम ही सहारा हो
2:–परदेश नहीं जाना बलम जी, एड्स न लाना बलम जी pic.twitter.com/HKiU7f8tWF
समस्तीपुर के मुख्य मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) विशाल कुमार ने बताया कि नेशनल एड्स कंट्रोल की गाइडलाइन के तहत रैली का आयोजन किया गया। इसका मकसद लोगों के बीच एड्स और एचआईवी के बारे में जागरूकता फैलाना और समाज में इस बीमारी से जुड़े डर और भेदभाव को कम करना है। उन्होंने कहा कि कई एड्स मरीज समय पर एआरवी इलाज तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस रैली के जरिए लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि इलाज समय पर कराना संभव और जरूरी है।
रैली का नेतृत्व संस्थान की अध्यक्ष मोनी रानी ने की। मोनी रानी शिक्षा और सामाजिक विकास के क्षेत्र में सक्रिय हैं और महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य जागरूकता और ग्रामीण सेवा में लंबे समय से योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि एड्स आज भी जागरूकता की कमी के कारण गंभीर समस्या है। बीमारी से डरना नहीं चाहिए, बल्कि सही जानकारी फैलाना जरूरी है। युवाओं की भागीदारी समाज को इस बीमारी से लड़ने में मदद कर सकती है।
रैली का आयोजन जिला एड्स बचाव नियंत्रण इकाई, एआरटी, एसटीडी, आईसीडीपीटी और ब्लड बैंक के सहयोग से हुआ। रैली का मुख्य उद्देश्य लोगों को एड्स से बचाव की जानकारी देना था, खासकर उन लोगों को जो बाहर के प्रदेशों में काम करते हैं। सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने कहा कि एड्स से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण तरीका खुद पर नियंत्रण रखना और अपने साथी के प्रति वफादार रहना है।