'कुछ लोग धर्म के नाम पर नफरत पैदा करते हैं', अंतरधार्मिक सम्मेलन में बोले एनएसए डोभाल, PFI को बैन करने का प्रस्ताव भी पास
By रुस्तम राणा | Published: July 30, 2022 07:50 PM2022-07-30T19:50:41+5:302022-07-30T19:51:04+5:30
एनएसए ने यहां ‘कॉन्स्टिट्यूशन क्लब’ में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में यह टिप्पणी की।
नई दिल्ली: देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने शनिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग धर्म और विचारधारा के नाम पर नफरत पैदा करते हैं जो पूरे देश को प्रभावित करता है और इसका मुकाबला करने के लिए धर्मगुरुओं को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि गलतफहमियों को दूर करने और हर धार्मिक संस्था को भारत का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है।
एनएसए ने यहां ‘कॉन्स्टिट्यूशन क्लब’ में ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) द्वारा आयोजित एक अंतरधार्मिक सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में यह टिप्पणी की।
डोभाल ने सम्मेलन में कहा, ‘‘कुछ लोग धर्म के नाम पर वैमनस्यता पैदा करते हैं जो पूरे देश पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। हम इसके मूकदर्शक नहीं हो सकते। धार्मिक रंजिश का मुकाबला करने के लिए हमें एक साथ काम करना होगा और हर धार्मिक संस्था को भारत का हिस्सा बनाना होगा। इसमें हम सफल होंगे या नाकाम होंगे।’’
Instead of being mute spectators, we have to work on the ground on our differences along with strengthening our voices.We've to make every sect of India feel that we are a country together, we are proud of it & that every religion can be professed with freedom here:NSA Ajit Doval pic.twitter.com/z4CXsALZzd
— ANI (@ANI) July 30, 2022
एआईएसएससी के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में धार्मिक नेताओं ने ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों और ऐसे अन्य मोर्चों पर प्रतिबंध लगाने’’ का एक प्रस्ताव पारित किया जो ‘‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त’’ रहे हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है कि पीएफआई और ऐसे किसी भी अन्य मोर्चे जैसे संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं, एक विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
(इनपुट एजेंसी)