अब देश भर में मिलेगा 'ताकत' वाला चावल, एनीमिया की शिकार महिलाओं को मिलेगा पोषण, बच्चों का भी दूर होगा कुपोषण

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 5, 2019 07:30 AM2019-07-05T07:30:34+5:302019-07-05T07:30:34+5:30

योजना के तहत सरकार चावल में आयरन, जिंक और विटामिन मिलाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों पर राशन के साथ फोर्टिफाइड राइस (ताकत वाला चावल) नवंबर 2019 से वितरित कराएगी. केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी राज्यों में योजना को लागू करने पर करीब 2500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.

Now the powerfull rice will be procured all over the country the advice of the niti aayog victims of anemia in malnutrition hit areas | अब देश भर में मिलेगा 'ताकत' वाला चावल, एनीमिया की शिकार महिलाओं को मिलेगा पोषण, बच्चों का भी दूर होगा कुपोषण

प्रतीकात्मक फोटो

नीति आयोग की सलाह के बाद अब देश में ताकत वाला चावल राशन की उचिर दर की दुकानों पर मिलेगा. पहले यह योजना देश के 15 राज्यों के सर्वाधिक पिछडे और कुपोषण के शिकार 15 जिलों में शुरू की जा रही थी. इन राज्यों में महाराष्ट्र से गढ़चिरोली, गुजरात से नर्मदा जिला, उत्तर प्रदेश से चंदौली, तमिलनाडु से त्रिची, केरल से एर्नाकुलम, कर्नाटक से यदगिर या रायचुर जिला, असम से बोनगईगोन और आंध्र प्रदेश से पश्चिम गोदावरी जिला शामिल है.

सरकार को 15 में से 9 राज्यों ने ही अभी तक नाम भेजे हैं. नीति आयोग के सुझाव पर देश भर में योजना के लागू होने से एनीमिया की शिकार महिलाओं को पोषण मिलेगा और गर्भवती महिलाओं को पोषण मिलने से बच्चों में भी कुपोषण दूर होगा. पीएमओ की संस्तुति के बाद कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.

योजना के तहत सरकार चावल में आयरन, जिंक और विटामिन मिलाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों पर राशन के साथ फोर्टिफाइड राइस (ताकत वाला चावल) नवंबर 2019 से वितरित कराएगी. केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी राज्यों में योजना को लागू करने पर करीब 2500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.

पहले यह योजना देश के सर्वाधिक कुपोषण ग्रस्त 15 राज्यों के 15 जिलों में लागू की जा रही थी, जिसके लिए केंद्र ने 147.61 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी. केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'लोकमत समाचार' से कहा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान से हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मुलाकात की और कुपोषण को खत्म करने के लिए फोर्टिफाइड राइस योजना को सराहते हुए पूरे देश में इसे लागू करने पर चर्चा की.

उन्होंने कहा कि एनीमिया की शिकार महिलाओं को अगर फोर्टिफाइड राइस-ताकत वाला चावल मिलेगा तो प्रचुर मात्रा में आयरन मिलने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक चावल का आहार मिलने से उनके शिशु भी स्वस्थ्य पैदा होंगे. नीति आयोग के इस सुझाव योजना को लागू करने के लिए रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री कार्यालय से भी सहमति ले ली है.

केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से योजना के तैयार ड्राफ्ट में कहा गया है कि फोर्टिफाइड चावल के वितरण से 50% से 70% महिला और पुरुषों में पोषण की कमी को दूर किया जा सकेगा. रिपोर्ट के अनुसार देश में 6 माह से पांच साल तक की उम्र के 58.5% बच्चे कुपोषण के कारण एनीमिया रोग के शिकार हैं.

इनके अलावा 15 से 49 वर्ष की उम्र वाली 53% महिलाएं और 22.7% पुरुष एनीमिया से पीडि़त हैं. यह लोग गरीबी के कारण पूरी खुराक नहीं ले पाते हैं. इस योजना के खर्च पर उत्तर पूर्वी, पहाड़ी राज्यों और द्वीपों में केंद्र सरकार व्यय का 90% और राज्य 10% हिस्सा देंगे. अन्य राज्यों में योजना पर खर्च होने वाली धनराशि में केंद्र 75% और राज्य 25% योगदान देंगे. एक किलो फोर्टिफाइड चावल तैयार करने में 60 पैसे प्रतिकिलो का खर्च आ रहा है.

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