पाक पीएम इमरान खान की पार्टी के पूर्व MLA का छलका दर्द, कहा- मोदी साहब मुझे भारत में शरण दें, मैं वापस नहीं जाऊंगा
By रामदीप मिश्रा | Published: September 10, 2019 01:08 PM2019-09-10T13:08:20+5:302019-09-10T13:08:20+5:30
तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से पूर्व विधायक बलदेव बलदेव सिंह ने कहा कि भारतीय सरकार को एक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख परिवार यहां आ सकें।
पाकिस्तान में न सिर्फ अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं बल्कि मुस्लिम भी कर रहे हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ से पूर्व विधायक का दर्द छलका है और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर उम्मीद लगाई है और भारत में लौटने की गुहार लगाई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी से पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान में न केवल अल्पसंख्यक बल्कि मुस्लिम भी वहां (पाकिस्तान) सुरक्षित नहीं हैं। हम पाकिस्तान में बड़ी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मैं भारतीय सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह मुझे यहां शरण दें। मैं वापस नहीं जाऊंगा।'
उन्होंने कहा, 'भारतीय सरकार को एक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख परिवार यहां आ सकें। मैं चाहता हूं कि मोदी साहब उनके लिए कुछ करें। वहां उन्हें प्रताड़ित किया जाता है।'
Baldev Kumar, former MLA of Pakistan PM Imran Khan's Pakistan Tehreek-i-Insaf (PTI): Indian Govt should announce a package so that the Hindu and Sikh families staying in Pakistan can come here. I want Modi Sahab do something for them. They are tortured there. https://t.co/h93hsq7zEO
— ANI (@ANI) September 10, 2019
बता दें अभी हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से कथित तौर पर हिंदू लड़की अगवा कर लिया गया था, जिसके बाद बवाल खड़ा हो गया था। रोहरी निवासी रिनो कुमारी को 29 अगस्त को उस वक्त अगवा किया गया था कि जब वह अपने स्कूल जा रही थी। उसके परिवार ने दावा किया था कि एक मुसलमान व्यक्ति ने उसे अगवा किया।
बाद में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पुलिस ने इस मामले में घोटकी से 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। पीटीआई के सांसद रमेश कुमार का कहना था कि यह पहली बार है जब एक अगवा हुई हिंदू लड़की को उसके परिवार से सुरक्षित दोबारा मिलवाया गया।
अल्पसंख्यक महिलाओं के जबरन धर्मांतरण का मामला उस वक्त सामने आया जब 19 वर्षीय एक सिख लड़की का इस्लाम में धर्मांतरण करा कर पंजाब प्रांत के एक मुसलमान युवक के साथ निकाह कराऐ जाने की खबर आई। लड़की को पंजाब के राज्यपाल और 30 सदस्यीय सिख समिति के बीच कई दिन तक चली बातचीत के बाद परिवार से मिलाया गया था।