गुवाहाटी, 26 दिसंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर देश के विकास का इंजन बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि सभी उग्रवादी समूह मुख्यधारा में लौट आये है।
शाह ने यहां अमीनगांव में कुमार भास्कर वर्मा क्षेत्र में चार परियोजनाओं की शुरूआत करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इससे पहले, आंदोलन और हिंसा, अलगाववादी और विभिन्न सशस्त्र समूहों को देखा गया था, लेकिन अब वे सभी मुख्यधारा का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी युवाओं ने अब असम के विकास के लिए हाथ मिलाया है और अब राज्य को राष्ट्र का विकास इंजन बनाने के लिए स्टार्ट-अप और अन्य परियोजनाओं के माध्यम से वैश्विक युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।’’
शाह ने राज्य के तेल रॉयल्टी के बकाया 8000 करोड़ रुपये के मुद्दे को हल नहीं करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘सिंह ने 18 वर्षों तक असम का प्रतिनिधित्व किया लेकिन वह इस मुद्दे को हल नहीं कर सके, लेकिन मोदी जी ने राज्य में भाजपा की सरकार आने से पहले ही बकाया राशि को मंजूरी दे दी और यह भी सुनिश्चित किया कि भविष्य में यह राशि बढ़ती रहेगी और क्षेत्र के लोगों तक पहुंचेगी।’’
शाह ने कहा, ‘‘असम की संस्कृति अपने आप में अकेले नहीं है बल्कि यह पूरे राष्ट्र का गहना है और यह असम के वैष्णव संत महापुरुष शंकरदेव थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन भक्ति के मार्ग पर व्यतीत किया, इसे साहित्यिक कार्यों, परंपराओं, संस्कृति, धार्मिक विचारों से समृद्ध किया जिसे देश के शेष भागों में भी मान्यता मिली।’’
उन्होंने वैष्णव सुधारक-संत श्रीमंत शंकरदेव की जन्मभूमि, नगांव जिले के बोरदुवा में बाताद्रव ‘थान’ के विकास और सौंदर्यीकरण परियोजना की शुरूआत के मौके पर कहा कि शंकरदेव और माधवदेव ने पूरे राज्य को संगठित किया था और अब मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल और हिमंत विश्व सरमा की टीम ने राज्य की विरासत और परंपरा को बनाए रख और उसे बढ़ावा देकर राज्य के लोगों को एकजुट किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने उनके जन्मस्थान को विकसित करने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन भाजपा का मानना है कि जब तक भाषा और संस्कृति विकसित नहीं होगी, राज्य प्रगति नहीं कर सकता।’’
शाह ने कहा कि राज्य में एक लाख से अधिक ‘‘नामघर’’ ’ (वैष्णव प्रार्थना और सामुदायिक हॉल) हैं जो शंकरदेव के संदेश का प्रचार कर रहे हैं और राज्य सरकार ने आठ हजार नामघरों को 2.5 लाख रुपये देने का फैसला किया है।
उन्होंने बोडो समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं को बधाई दी और हाल ही में बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव हिंसा-मुक्त माहौल में संपन्न होने की सराहना की।
गृह मंत्री ने कहा कि बीटीसी चुनावों में लोगों ने राजग को जनादेश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में संपन्न बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनावों में राजग की जीत विधानसभा चुनावों से पहले सेमीफाइनल की तरह है और असम विधानसभा चुनाव में राजग भारी बहुमत से जीतेगा।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य दल घुसपैठ नहीं रोक सकते थे लेकिन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इसे रोका।
उन्होंने कहा कि चुनाव जल्द होंगे और फिर से अलगाववादी अलग एजेंडे के साथ आएंगे और लोगों को गुमराह करने की कोशिश करेंगे, उन्हें आंदोलन की राह पर ले जाएंगे लेकिन ‘‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आपने आंदोलन करके क्या दिया है-क्या विकास हुआ, गरीबी खत्म हुई, स्वास्थ्य सुविधा में सुधार हुआ, ढांचागत विकास हुआ ..... केवल युवा शहीद हुए हैं।’’
राज्य में नौ नये विधि कॉलेजों की आधारशिला रखने के मौके पर शाह ने कहा कि राज्य ने रंजन गोगोई जैसे प्रधान न्यायाधीश को राष्ट्र को दिया है और उम्मीद है कि भविष्य में इन कॉलेजों से कई और कानूनी दिग्गज बाहर निकलेंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक उल्लेखनीय योगदान दिया है और असम में अब सात मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हैं तथा छह और स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने असम में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व सरमा को बधाई दी।
शाह ने आरोप लगाया कि शिकारियों को कांग्रेस सरकार का संरक्षण मिला हुआ था।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा ही थी जिसने असम के सांस्कृतिक प्रतीक भूपेन हजारिका को भारत रत्न से नवाजा था।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कृषि सुधारों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने इन लोगों से मुख्यधारा में आने की अपील की।
शाह ने कहा, ‘‘मैं आप लोगों से सरकार से बातचीत करने और वार्ता के जरिये मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करने का आग्रह करता हूं।
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