व्यापार संघ की हड़ताल से पश्चिम बंगाल में आम जनजीवन प्रभावित
By भाषा | Published: November 26, 2020 06:26 PM2020-11-26T18:26:50+5:302020-11-26T18:26:50+5:30
कोलकाता, 26 नवंबर केंद्र की आर्थिक नीतियों के विरोध में कई व्यापार संघों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के कारण बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ।
केंद्रीय श्रमिक संगठनों की संयुक्त समिति द्वारा बुलाए गए 24 घंटे के बंद की शुरुआत सुबह छह बजे हुई।
एक अधिकारी ने कहा कि बंद समर्थक सीआईटीयू और डीवाईएफआई जैसे माकपा से संबद्ध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता, जाधवपुर, गरिया, कमलगाजी, लेक टाउन और दमदम इलाकों में रैलियां निकालीं, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई। बंद समर्थकों ने दुकानदारों से अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखने को कहा ।
उन्होंने बताया कि बंद समर्थकों ने हावड़ा रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया, वाहन चालकों से सेवाएं बंद करने को कहा लेकिन वाहनों को सामान्य रूप से चलाने के लिए पुलिस बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई।
अधिकारी ने कहा कि वाम कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के सेंट्रल एवेन्यू, हेस्टिंग्स, श्याम बाजार और मौलाली इलाकों में सड़कें अवरुद्ध कर दीं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बड़ाबाजार इलाके में जबरदस्ती दुकानें बंद कराने की कोशिश की, जिससे तनाव पैदा हो गया।
वाम मोर्चे के अध्यक्ष विमान बोस के नेतृत्व में कांग्रेस और वाम कार्यकर्ताओं ने शहर के मलिकबाजार चौराहे को बंद करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की टीएमसी सरकार बल प्रयोग के जरिये जोरदार जन आंदोलन का दबाने का प्रयास कर रही है।
अधिकारी ने कहा कि बंद लागू करने वालों ने कूचबिहार और झारग्राम जिलों में सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया, टायर जलाए और बसों की खिड़कियां तोड़ दी।
उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों को भी बाधित कर दिया था जिससे सियालदह दक्षिण और मुख्य खंडों में रेल सेवाएं प्रभावित हुईं।
हावड़ा में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के एक कार्यकर्ता ने कहा कि लोग हमारे शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि यह उनके हित में है।
राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया लेकिन कहा कि वह आर्थिक मुद्दों पर वामदलों और कांग्रेस के साथ है।
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीयूसी), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी) और स्वरोजगार महिला संघ (सेवा) जैसे व्यापार संघ हड़ताल का हिस्सा हैं।
भाजपा के गठबंधन वाला भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) हालांकि हड़ताल में हिस्सा नहीं ले रहा है।
असंगठित क्षेत्र के कामगारों ने भी 'चक्का जाम' लागू करने के लिए सड़कों पर उतरने का फैसला किया है।
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