भारतीय मूल की इस महिला जासूस को ब्रिटेन में विशेष सम्मान, टीपू सुल्तान की थी वंशज, दूसरे वर्ल्ड वॉर में दिखाई थी बहादुरी

By भाषा | Published: August 28, 2020 01:36 PM2020-08-28T13:36:49+5:302020-08-28T13:36:49+5:30

नूर इनायत खान ने दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशन्स एक्जिक्यूटिव (एसओई) के लिए जासूसी की थी। वे अकेले नाजी के कब्जे वाले फ्रांस में पहुंची थीं और कई दिनों तक वहां से अहम जानकारी देती रहीं। हालांकि बाद में वे पकड़ी गईं। लंदन में उनके पूर्व पारिवारिक घर में स्मारक ‘ब्लू प्लाक’ से सम्मानित किया जाएगा।

Noor Inayat Khan india origin spy of world war 2 Get Memorial Plaque In London | भारतीय मूल की इस महिला जासूस को ब्रिटेन में विशेष सम्मान, टीपू सुल्तान की थी वंशज, दूसरे वर्ल्ड वॉर में दिखाई थी बहादुरी

नूर इनायत खान की बहादुरी को ब्रिटेन में किया जाएगा सम्मानित (फाइल फोटो)

Highlightsब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशन्स एक्जिक्यूटिव (एसओई) के लिए अंडरकवर रेडियो संचालक के तौर पर काम करती थीं नूर इनायत खानटीपू सुल्तान की थीं वंशज, फ्रांस में पकड़े जाने के बाद 1944 में नाजियों ने कर दी थी हत्या

लंदन: ब्रिटेन की द्वितीय विश्व युद्ध की जासूस, नूर इनायत खान शुक्रवार को भारतीय मूल की पहली महिला बनीं जिन्हें मध्य लंदन में उनके पूर्व पारिवारिक घर में स्मारक ‘ब्लू प्लाक’ से सम्मानित किया जाएगा। इंग्लिश हैरिटेज धर्मार्थ संगठन द्वारा संचालित ‘ब्लू प्लाक’ योजना प्रख्यात लोगों और संगठनों को सम्मानित करता है जो लंदन में किसी खास भवन से जुड़े होते हैं।

खान की पट्टिका ब्लूम्सबरी में 4 टैविटोन स्ट्रीट पर पहुंची जहां वह 1943 में नाजी के कब्जे वाले फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले रहती थीं। वह ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशन्स एक्जिक्यूटिव (एसओई) के लिए अंडरकवर रेडियो संचालक के तौर पर वहां गईं थी।

टीपू सुल्तान की वंशज थीं नूर इनायत खान

नूर, भारतीय सूफी संत हजरत इनायत खान की बेटी एवं 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की वंशज थीं जिनकी 1944 में दचाउ यातना शिविर में हत्या कर दी गई थी और उन्होंने कैद करने वालों को किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी थी यहां तक कि अपना असली नाम भी नहीं बताया था।

इतिहासकार एवं ‘स्पाइ प्रिंसेस : द लाइफ ऑफ नूर इनायत खान’ की लेखिका श्रावनी बसु ने कहा, 'जब नूर इनायत खान अपने अंतिम मिशन पर अपना घर छोड़कर रवाना हुईं थीं, तो उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन वह बहादुरी का प्रतीक बन जाएंगी।' 

बसु ने कहा कि वह एक असाधारण जासूस थीं। सूफी होने की वजह से वह अहिंसा एवं धार्मिक सौहार्द में यकीन करती थीं। बसु ने एक छोटे से समारोह में इस स्मारक पट्टिका का औपचारिक रूप से अनावरण किया जिसका प्रसारण सोशल मीडिया पर किया जाएगा।

उन्होंने कहा, 'यह उचित होगा कि भारतीय मूल की पहली महिला नूर को ब्लू प्लाक के साथ याद रखा जाएगा। इसे देखकर, नूर की कहानी भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। आज की दुनिया में,एकता एवं स्वतंत्रता का उनका दृष्टिकोण पहले से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।’ बसु नूर इनायत खान मेमोरियल ट्रस्ट (एनआईकेएमटी) की संस्थापक-अध्यक्ष हैं जिसने 2012 में पास के गोर्डोन स्कॉयर में नूर की प्रतिमा लगाई थी।

Web Title: Noor Inayat Khan india origin spy of world war 2 Get Memorial Plaque In London

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे