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आज ही हुआ था सीवी रमन का जन्म, एशिया को दिलाया था विज्ञान का पहला नोबेल, जानिए इतिहास में 7 नवंबर क्यों है खास

By भाषा | Updated: November 7, 2018 13:08 IST

सात नवंबर 1862 को अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर का अपने वतन से दूर रंगून (बर्मा) में निधन हुआ था।। 1857 की क्रांति के बाद ब्रिटिश शासकों ने हिन्दुस्तान के बादशाह जफर को देश-निकाला दे दिया था।

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नयी दिल्ली, सात नवंबर: सात नवंबर की तारीख इतिहास के पन्नों में भारत के एक महान वैज्ञानिक के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले एशिया के पहले वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में हुआ था। प्रकाश परावर्तन के क्षेत्र में उनकी खोज के लिए उन्हें 1930 में भौतिक शास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।

सीवी रमन ने जिस समय अपनी यह अद्भुत खोज की वह आजादी से पहले का कठिनाइयों से भरा दौर था और प्रयोग करने के लिए आधुनिक यंत्रों और प्रयोगशालाओं का नितांत अभाव था, लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद विज्ञान के प्रति रमन का रुझान उन्हें विश्व के शीर्ष सम्मान तक ले गया। 

देश दुनिया के इतिहास में सात नवंबर की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1858 : अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी बिपिन चंद्र पाल का जन्म। लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक के साथ उनकी तिकड़ी को ‘लाल बाल पाल’ के नाम से पुकारा गया।

1862 : अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर का निधन। ब्रिटिश हुकूमत ने उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों का साथ देने पर रंगून (अब म्यामां) निर्वासित कर दिया था, जहां ब्रिटिश हुकूमत की हिरासत में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।

1867 : रेडियोधर्मिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मैरी क्यूरी का जन्म। वह नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पहली महिला हैं। वह ऐसी पहली शख्सियत और एकमात्र महिला हैं जिन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्हें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

1888 : भारत के महान भौतिक शास्त्री सी वी रमन का जन्म। उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1996 : नासा ने मंगल ग्रह का लंबे समय तक अध्ययन करने के लिए रोबोटिक अंतरिक्ष यान मार्स ग्लोबल सर्वेयर को अंतरिक्ष में भेजा।

1998 : दुनिया के सबसे बुजुर्ग अंतरिक्षयात्री अमेरिका के सीनेटर जॉन ग्लेन अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा को सफलता पूर्वक पूरा कर धरती पर वापस लौटे। अधिक उम्र में अंतरिक्ष यात्रा के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाने के लिए उन्हें 77 वर्ष की आयु में नासा द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था।

2003 : अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने देश में गर्भपात पर रोक सम्बन्धी विधेयक पर हस्ताक्षर किए।

टॅग्स :सीवी रमननोबेल पुरस्कारकला एवं संस्कृतिसाइंटिस्ट
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