कश्मीर में इस साल नहीं हुई बर्फबारी, सैलानियों का भी हुआ मोह भंग, 70 फीसद बुकिंग कैंसिल

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 17, 2024 01:45 PM2024-01-17T13:45:28+5:302024-01-17T13:50:27+5:30

40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि, चिल्ले कलां के बावजूद कश्मीर में जारी शुष्क मौसम, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह के बर्फ-प्रेमी पर्यटकों को कश्‍मीर से दूर रखने में सफल रहाहै। हालत यह है कि श्रीनगर में हाउसबोटों में केवल 30 प्रतिशत बुकिंग के साथ, यह कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र पर सूखे के प्रभाव को उजागर करता है।

No snowfall in Kashmir tourist also disappoint 70 percent bookings cancel | कश्मीर में इस साल नहीं हुई बर्फबारी, सैलानियों का भी हुआ मोह भंग, 70 फीसद बुकिंग कैंसिल

फोटो क्रेडिट- एक्स

Highlightsकश्मीर में इस बार बर्फबारी हुई बहुत कम, तो सैलानी भी पड़े नरमटूरिज्‍म व्‍यवसाय से जुड़े लोगों के मुताबिक, 70 फीसदी से ज्‍यादा बुकिंगें कैंसिल हो चुकी हैंबफ्र और बारिश न होने के कारण कश्‍मीर में सिर्फ धूल के गुब्‍बार ही उठ रहे हैं

जम्‍मू: मौसम की बेरूखी और बर्फ की नाराजगी के चलते कश्‍मीर में जो सूखा पड़ा है उसमें टूरिस्‍टों ने भी अपने यात्रा कार्यक्रमों को कैंसिल कर एक तड़का लगाया है। टूरिज्‍म व्‍यवसाय से जुड़े लोगों के मुताबिक, 70 फीसदी से ज्‍यादा बुकिंगें कैंसिल हो चुकी हैं क्‍योंकि बफ्र और बारिश न होने के कारण कश्‍मीर में सिर्फ धूल के गुब्‍बार ही उठ रहे हैं।

यह सच है कि 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि, चिल्ले कलां के बावजूद कश्मीर में जारी शुष्क मौसम, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह के बर्फ-प्रेमी पर्यटकों को कश्‍मीर से दूर रखने में सफल रहाहै। हालत यह है कि श्रीनगर में हाउसबोटों में केवल 30 प्रतिशत बुकिंग के साथ, यह कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र पर सूखे के प्रभाव को उजागर करता है।

इसे अब आधिकारिक तौर पर माना गया है कि बड़ी संख्या में विदेशी और घरेलू पर्यटकों ने कश्मीर की अपनी यात्रा या तो स्थगित कर दी है या रद्द कर दी है। टूर आपरेटरों और पर्यटन हितधारकों का कहना है कि यह वह समय है जब दक्षिण पूर्व एशिया और अन्य देशों के पर्यटक आमतौर पर कश्मीर में रहना पसंद करते हैं, लेकिन शुष्क मौसम ने इन योजनाओं को बाधित कर दिया है।

हाउस बोट ओनर्स एसोसिएशन (एचबीओए), कश्मीर के अध्यक्ष मंजूर पख्तू कहते थे कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मेहमानों द्वारा अधिकांश हाउसबोट बुकिंग या तो रद्द कर दी गई हैं या रोक दी गई हैं। वे बताते थे कि डल और नगीन झीलों में 70 प्रतिशत हाउसबोट वर्तमान में खाली हैं, केवल 30 प्रतिशत ही भरे हुए हैं, जो शीतकालीन पर्यटन के लिए एक ऐतिहासिक कमी है।

मौसम के लंबे समय तक शुष्क रहने, विशेषकर साहसिक पर्यटन पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता प्रकट करते हुए पख्‍तू कहते थे कि जनवरी में जो पर्यटक आते थे वे सभी साहसिक प्रेमी थे और साहसिक पर्यटन के लिए बर्फ पहली आवश्यकता होती है। मेरा मानना है कि साहसिक पर्यटन खतरे में है क्योंकि बर्फ नहीं है।'

जानकारी के लिए पिछले साल, जम्मू कश्मीर में कुल 2.12 करोड़ पर्यटकों में से 55,000 विदेशी पर्यटक आए। इस वर्ष, प्रशासन का लक्ष्य 3 करोड़ पर्यटकों का है, लेकिन शुष्क सर्दी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण खतरा है। डल और नगीन झीलों में जल स्तर पर शुष्क मौसम के प्रभाव के बारे में पयर्टन व्‍यवसाय से जुड़े लोगों का कहना था कि अब तक, कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन अगर सर्दी बर्फ के बिना गुजरती है, तो डल झील को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

नए हाउसबोट निर्माण पर प्रतिबंध के कारण हाउसबोट मालिक पहले से ही चुनौतियों से जूझ रहे हैं, और मुरम्मत प्रक्रिया में तकनीकी मुद्दे शामिल हैं जिन्हें मालिक संबोधित करने में अनिच्छुक हैं। वर्तमान में हाउसबोटों की संख्या 2013 में 1200 से घटकर 750 हो गई है।

डल झील के आसपास के कई निवासी पर्याप्त जल स्तर बनाए रखने के लिए बर्फ की आवश्यकता पर जोर देते हैं। श्रीनगर के निशात इलाके के अली मुहम्मद कहते थे कि भगवान न करें, अगर सर्दियां बिना बारिश और बर्फबारी के गुजरती हैं, तो प्रशासन को डल झील की खुदाई शुरू कर देनी चाहिए।

Web Title: No snowfall in Kashmir tourist also disappoint 70 percent bookings cancel

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