कोई भी अधिकार स्थायी नहीं, यह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से बदलता है: प्रणब मुखर्जी

By भाषा | Published: July 28, 2019 03:18 AM2019-07-28T03:18:24+5:302019-07-28T03:18:24+5:30

मुखर्जी ने संविधान में संशोधन की संसद की शक्ति के संदर्भ में कहा, ‘‘वे (जनता) अंतिम निर्णय करने वाले होंगे। संविधान की प्रकृति स्थितियों पर निर्भर करेगी।’’

No right is permanent, it changes with socio-economic conditions: Pranab Mukherjee | कोई भी अधिकार स्थायी नहीं, यह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से बदलता है: प्रणब मुखर्जी

कोई भी अधिकार स्थायी नहीं, यह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से बदलता है: प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि कोई भी अधिकार स्थायी नहीं होता है और यह सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की संकल्पना के साथ बदलता है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने संविधान पर चर्चा के दौरान सलाह दी थी कि भारत की जनता ही संविधान की प्रकृति पर फैसला करेगी क्योंकि यह जनप्रतिनिधियों पर निर्भर करेगा जिन्हें जनता विधायिका में चुनकर भेजेगी।

मुखर्जी ने संविधान में संशोधन की संसद की शक्ति के संदर्भ में कहा, ‘‘वे (जनता) अंतिम निर्णय करने वाले होंगे। संविधान की प्रकृति स्थितियों पर निर्भर करेगी।’’

वह एक पुस्तक के विमोचन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और छात्रों को संबोधित कर रहे थे। मुखर्जी ने इस दौरान जलवायु परिवर्तन जैसे पर्यावरण से जुड़े मुद्दों तथा लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव का जिक्र किया। 

Web Title: No right is permanent, it changes with socio-economic conditions: Pranab Mukherjee

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे