बिहार में लागू नहीं होने देंगे NRC, CM नीतीश कुमार ने कहा- यह असम के संदर्भ में था, पीएम मोदी खुद दे चुके सफाई
By रामदीप मिश्रा | Published: January 13, 2020 01:01 PM2020-01-13T13:01:14+5:302020-01-13T13:01:14+5:30
कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बीजेपी पर मुस्लिमों को मताधिकार से वंचित करने और ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाकर एनआरसी का विरोध कर चुके हैं।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर विरोध लगतार जारी है। बिहार में विपक्षी दल लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की बीजेपी व जेडीयू गठबंधन की सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार (13 जनवरी) को साफ कर दिया है कि राज्य में एनआरसी लागू होने का कोई सवाल ही नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, 'बिहार में एनआरसी का कोई सवाल ही नहीं , यह असम के संदर्भ में ही चर्चा में था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर सफाई दी है।'
बता दें, इससे पहले भी नीतीश कुमार ने जदयू द्वारा सीएए को दिए समर्थन के कारण उपजी अनिश्चितताओं पर विराम लगा दिया था और कहा था कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। कुमार ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए यह स्पष्ट किया था। उन्होंने कहा था, 'काहे का एनआरसी? बिलकुल लागू नहीं होगा।'
Bihar Chief Minister Nitish Kumar in state assembly: No question of NRC in Bihar, it was in discussions only in context of Assam. Prime Minister Narendra Modi has also clarified on it. (file pic) pic.twitter.com/mpQecGaVMW
— ANI (@ANI) January 13, 2020
राजग में शामिल दलों में से कुमार पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एनआरसी को अखिल भारतीय स्तर पर लागू न करने की बात कही थी। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बीजेपी पर मुस्लिमों को मताधिकार से वंचित करने और ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाकर एनआरसी का विरोध कर चुके हैं।
कुमार अपनी तरफ से एनआरसी का विरोध उसी दिन से कर रहे हैं जब उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केवल असम में लागू किया गया था।