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नारद मामले के आरोपियों के भागने का कोई सवाल पैदा नहीं होता: वकील

By भाषा | Updated: June 7, 2021 21:27 IST

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कोलकाता, सात जून नारद स्टिंग टेप मामले में पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक एवं शहर के एक पूर्व महापौर का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से कहा कि आरोपियों के सबूतों से छेड़छाड़ करने या भागने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्य के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी एवं फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा एवं शहर के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को पहले अंतरिम जमानत देने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामला स्थानांतरित करने के अनुरोध का विरोध करते हुए अभिवेदन दिया कि सभी आरोपियों की जड़ें कोलकाता में हैं।

सिंघवी ने कहा कि जमानत देने का फैसला आरोपी के भागने, सबूतों से छेड़छाड़ करने और जांच में सहयोग न करने की आशंका जैसे कारकों पर निर्भर करता है तथा इन चारों नेताओं के ऐसा करने की आशंका नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन कथित रूप से 2014 में हुआ और इतने साल बाद किसी प्रकार की छेड़छाड़ किए जाने का कोई सवाल नहीं है।

सिंघवी ने कहा कि सभी चारों आरोपी कोलकाता में रहते हैं और उन्होंने जांच में हमेशा सहयोग किया है।

आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम की याचिका पर जमानत मंजूर करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए सिंघवी ने दावा किया कि सीबीआई विशेष सीबीआई अदालत द्वारा चारों आरोपियों को दी गई जमानत पर सवाल उठाने के लिए ‘‘हुल्लड़बाजी’’ को बहाना बना रही है।

सीबीआई ने दावा किया था कि गिरफ्तारी के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 17 मई को यहां निजाम पैलेस में स्थित एजेंसी के कार्यालय में धरने पर बैठ गईं थीं और दो से तीन हजार लोगों की भीड़ ने दफ्तर का घेराव कर लिया था।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने वकील से पूछा कि चारों नेताओं की गिरफ्तारी के दिन राज्य के विधि मंत्री बैंकशाल अदालत में क्या कर रहे थे, इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि यह कानून पर उनके भरोसे और अपने साथियों के प्रति उनके समर्थन को दर्शाता है।

न्यायमूर्ति बिंदल, न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पांच सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी।

सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से नारद स्टिंग मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष हुईं सुनवाई को रद्द करने की अपील की है।

जांच एजेंसी ने मामले की जांच निचली अदालत से उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 17 मई को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये गए आरोपियों को 28 मई को अंतरिम जमानत दे दी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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