बंगाल में NRC लागू करने की कोई योजना नहीं, CAA लागू किया जाएगा: कैलाश विजयवर्गीय

By भाषा | Published: April 4, 2021 03:08 PM2021-04-04T15:08:42+5:302021-04-04T15:10:28+5:30

बंगाल में मतुआ समुदाय की अच्छी खासी आबादी है जो 1950 के बाद से मुख्यत: धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर राज्य में आए थे। 30 लाख की आबादी वाले इस समुदाय का प्रभाव नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में 30-40 विधानसभा सीटों पर है।

No plan to implement NRC in Bengal, CAA will be implemented: Kailash Vijayvargiya | बंगाल में NRC लागू करने की कोई योजना नहीं, CAA लागू किया जाएगा: कैलाश विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय (फाइल फोटो)

Highlightsकैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम चुनाव के बाद सीएए लागू करने को लेकर उत्साहित हैं, जैसा कि हमने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया है।प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार नए नागरिकता कानून से भारत में 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा जिनमें से 72 लाख से अधिक लोग पश्चिम बंगाल में हैं।

कोलकाता: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के इस दावे को रविवार को खारिज कर दिया कि अगर भाजपा बंगाल में सत्ता में आयी तो राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का लागू करेगी जिससे ‘‘लोगों की नागरिकता के अधिकार छीन जाएंगे।’’

उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि पार्टी का इरादा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने और पड़ोसी देश में धार्मिक उत्पीड़न से भागकर भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चुनावों के बाद सीएए लागू करने को लेकर उत्साहित हैं, जैसा कि हमने अपने चुनाव घोषणापत्र में वादा किया है।

यह हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि हम उत्पीड़न का शिकार शरणार्थियों को नागरिकता देना चाहते हैं। अगर हम चुनाव जीतते हैं तो हमारी एनआरसी प्रक्रिया चलाने की कोई योजना नहीं है।’’ प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार नए नागरिकता कानून से भारत में 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा जिनमें से 72 लाख से अधिक लोग पश्चिम बंगाल में हैं। टीएमसी पर ‘‘भगवा पार्टी के खिलाफ भ्रामक सूचना फैलाने’’ का आरोप लगाते हुए 64 वर्षीय नेता ने हैरानी जताई कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी सीएए का विरोध क्यों कर रही है जो कि कई लोगों को फायदा पहुंचा सकता है।

बंगाल में मतुआ समुदाय की अच्छी खासी आबादी है जो 1950 के बाद से मुख्यत: धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागकर राज्य में आए थे। 30 लाख की आबादी वाले इस समुदाय का प्रभाव नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में 30-40 विधानसभा सीटों पर है। निर्वाचन आयोग पर भाजपा की तरफ से काम करने का आरोप लगाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि यह विडंबना है कि टीएमसी सुप्रीमो ने तब निर्वाचन आयोग पर ऊंगली नहीं उठाई जब उनकी पार्टी को लगातार दो बार चुनाव में जीत मिली।

उन्होंने कहा कि बनर्जी के ‘‘बेवकूफाना दावों’’ का कोई नतीजा नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि हार को भांपते हुए टीएमसी भगवा पार्टी के खिलाफ अनर्गल आरोप लगा रही है। विधानसभा चुनावों में भाजपा की 200 से अधिक सीटों पर जीत पर भरोसा जताते हुए विजयवर्गीय ने इस बात को खारिज कर दिया कि पार्टी को बंगाल में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा न पेश करने का खमियाजा उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कई नेता राज्य में सत्ता की बागडोर संभालने में सक्षम हैं और चुनावों के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। हमने जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां कभी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं उतारा। हमारे लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है। सत्ता में आने पर विधायक दल शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करके मुख्यमंत्री उम्मीदवार पर फैसला लेगा।’’ भाजपा नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि राज्य के लोग ‘असल परिवर्तन’ देखने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे लंबे समय से चल रही घुसपैठ की दिक्कतों, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की राजनीति से उकता गए हैं।

‘‘बाहरी बनाम स्थानीय’’ की बहस को लेकर ममता बनर्जी खेमे की आलोचना करते हुए बंगाल में भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के पास इसके अलावा कुछ बात करने के लिए नहीं है। दरअसल, टीएमसी ने भाजपा को ‘‘बाहरी लोगों की पार्टी’’ बताया है क्योंकि उसके शीर्ष नेता अन्य राज्यों से हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टीएमसी अपने ‘बंगाल की बेटी’ अभियान से भावनात्मक अपील करना चाहती है लेकिन मुझे नहीं लगता कि बंगाल इस भावना में बह जाएगा। यह 2021 है और ऐसे मुद्दों का कोई असर नहीं पड़ता है।

पार्टी के पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है तो वह ‘बाहरी-स्थानीय’ की बहस कर रही है।’’ यह पूछने पर कि क्या टिकट वितरण को लेकर अनुभवियों और नए चेहरों के बीच विवाद थम गया है, इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी में हर किसी को शीर्ष नेतृत्व द्वारा बनाए नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान हमें 294 सीटों के लिए मुश्किल से योग्य उम्मीदवार मिल पाए थे। इस बार हालांकि 5,000 दावेदार थे। शुक्र है कि सब कुछ नियंत्रण में है।’’ विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘हमने सभी कार्यकर्ताओं से बात की। हमारी एक अनुशासित पार्टी है लेकिन हम लोकतांत्रिक हैं और हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है।’’  

Web Title: No plan to implement NRC in Bengal, CAA will be implemented: Kailash Vijayvargiya

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