बिहार में राष्ट्रीय जनता दल(राजद) पार्टी ने सदस्यता अभियान शुरू किया है. राजद ने आज इस अभियान की शुरुआत के लिए एक कार्यक्रम रखा था. जिसमें तेजस्वी यादव के पहुंचने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ यहां तक की इस अभियान की शुरुआत कार्यक्रम में लालू परिवार से कोई भी नहीं पहुंचा था. राबडी देवी और तेजप्रताप यादव भी नहीं पहुंचे थे.
तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक सक्रियता से दूर है. अब इस पर पार्टी के नेता सवाल खडा करने लगे हैं. कई अवसरों पर उनकी अनुपस्थिती पर वरिष्ठ से लेकर कार्यकर्ता तक सवाल खडे कर रहे हैं. वहीं, ऐसा लगा था कि पार्टी के सदस्यता अभियान कार्यक्रम में तेजस्वी यादव फिर से सक्रिय राजनीति में बहाल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राजद में निराशा उस समय देखने को मिली जब लालू परिवार से कोई भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ. राबडी देवी खुद भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई. वहीं, तेजस्वी यादव की कमी को पूरा करने के लिए तेजप्रताप यादव पहुंचते थे, लेकिन वह भी यहां नहीं पहुंचे. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या राजद के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है? सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि लालू यादव परिवार से एक भी सदस्य इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचा. न तो पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी पहुंची और न ही मीसा भारती ही मौजूद रहीं. यहां तक कि तेज प्रताप यादव भी कार्यक्रम से नदारद रहे. जाहिर है राजद के कार्यक्रम से पूरे लालू परिवार की गैर मौजूदगी ने कई सवालों को जन्म दे दिया है.
लालू परिवार की गैर मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष राम चंद्र पूर्वे, वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी, शिवचंद्र राम और शक्ति सिंह यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया सदस्यता अभियान की शुरुआत की. वहीं, तेजस्वी यादव क्यों नहीं आए? इस पर रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि वे भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं इस कारण नहीं आ पाए. वहीं, अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जब सदस्यता अभियान की शुरुआत होगी तो ये लोग उसमें मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम को की शुरुआत आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने की. वहीं, उनके साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी मौजूद थे. उन्होंने पार्टी के सदस्यता अभियान कार्यक्रम की शुरुआत की है. बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम 31 दिसंबर तक चलेगा.
यहां बता दें कि अगल साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव होना है. इसके लिए राजद ने अभी से ही लोगों के बीच मजबूत पकड बनाने के लिए सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है. लोगों तक पहुंचने के लिए सदस्यता अभियान को जोरशोर से चलाने की बात कही गई है. वहीं, तेजस्वी यादव के इस तरह के कार्यक्रम में नहीं पहुंचने और कार्यकर्ताओं को भरोसा नहीं दिलाने से पार्टी में निराशा दिख रही है. राजद की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक में कहा गया था कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लडा जाएगा. लेकिन तेजस्वी यादव के राजनीतिक सक्रियता को देखकर पार्टी में सवाल खडे हो रहे हैं. वैसे राजद पहले ही यह एलान कर चुकी है 2020 में राज्य का विधानसभा चुनाव पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लडेगी.
दरअसल, बीते लोकसभा चुनाव का परिणाम राजद के लिए बेहद निराशजनक रहा था. विधानसभा में 81 सीटें जीतने वाली पार्टी लोकसभा में अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी. यह हाल तब हुआ था जब कांग्रेस समेत पांच पार्टियों के महागठबंधन ने साथ चुनाव लडा था. इस चुनाव में महागठबंधन की कमान तेजस्वी यादव के ही हाथों में थी, लेकिन वे पूरी तरफ फ्लॉप रहे. इसके बाद तेजस्वी यादव करीब एक महीने तक सक्रिय राजनीति से लगातार गायब रहे. वहीं 21 दिनों तक चले मानसून सत्र में भी तेजस्वी महज एक घंटे ही उपस्थित हुए और फिर गायब हो गए. लगातार ढाई महीने से गायब रहे तेजस्वी यादव का राजद के अहम कार्यक्रम से दूरी बनाना और इसमें लालू परिवार के किसी भी सदस्य का नहीं आना कई सवालों को जन्म दे रहा है.