नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने पर जयराम रमेश ने कहा, "मोदी चाहे जितने हमले नेहरू पर करें, उनकी विरासत को नहीं मिटा पाएंगे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 16, 2023 02:48 PM2023-08-16T14:48:34+5:302023-08-16T15:00:05+5:30
कांग्रेस पार्टी ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम आधिकारिक तौर पर बदले जाने और उसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी किए जाने पर कड़ा एतराज जताया है।
नयी दिल्ली:कांग्रेस पार्टी ने नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम आधिकारिक तौर पर बदले जाने और उसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी किए जाने पर कड़ा एतराज जताया है। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केवल एक ही एजेंडा है और वो नेहरूवादी विरासत को नकारना, उसे विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना चाहते हैं।
सबसे बड़ी विपक्षी दल ने मोदी सरकार को घेत हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहे जितने हमले नेहरू पर करें बावजूद उसके दुनिया के सामने उनकी विरासत जीवित रहेगी और वह आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज एक और प्रतिष्ठित संस्थान को एक नया नाम मिला है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) बन गया है।"
आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) अब प्रधान मंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) बन गया है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 16, 2023
प्रधानमंत्री मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले… https://t.co/UEEwCWaIqE
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी के पास जटिलताओं से भरे भय और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब भी हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक रहे प्रधानमंत्री की बात आती है। उनके पास नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारने, विकृत करने, बदनाम करने और नष्ट करने का एक सूत्रीय एजेंडा है।"
जयराम रमेश ने कहा, "उन्होंने (मोदी) एन (नेहरू) को मिटा दिया है और उसकी जगह पी (प्रधानमंत्री) डाल दिया है। वह पी वास्तव में क्षुद्रता और चिढ़ का है।"
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन वह स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के विशाल योगदान और भारत के लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार निर्माण की नींव में उनकी महान उपलब्धियों को कभी नहीं छीन सकते हैं।"
मालूम हो कि बीते मंगलावर को स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने जानकारी दी कि तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है।
लुटियंस दिल्ली की प्रमुख इमारतों में शामिल तीन मूर्ति भवन अंग्रेजों के वक्त में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास हुआ करता था। साल 1948 में ब्रिटिश भारत के अंतिम कमांडर इन चीफ के जाने के बाद से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बतौर देश के पहले प्रधानमंत्री तीन मूर्ति भवन में रहने के लिए गये और साल 1964 में अपने मृत्यु तक वो इसी आवास में रहे।
इस कारण से साल 1948 से लेकर 1964 तक तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू का आधिकारिक आवास था, जिसे उनकी मृत्यु के बाद स्मारक और संग्रहालय मे बदल दिया गया था।