नयी दिल्ली, दो नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने और सूचना प्रौद्योगिकी तथा संबंधित उद्यमों को आकर्षित करने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि शहर के नये औद्योगिक क्षेत्रों में किसी विनिर्माण इकाई को अनुमति नहीं दी जाएगी और वहां केवल सेवा तथा हाईटेक उद्योगों की इजाजत होगी।
यह कदम शहर को हाईटेक और सेवा उद्योगों का केंद्र बनाने में मदद करेगा जिनमें आईटी आधारित सेवाएं, कॉल सेंटर, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेक्टर तथा मीडिया कार्यक्रम निर्माण आदि शामिल हैं जिन्हें अब औद्योगिक क्षेत्रों में सस्ती दर पर जमीन मुहैया कराई जाएगी।
केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र ने दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में उद्योग की परिभाषा बदलकर दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली मौजूदा विनिर्माण इकाइयों को सेवा या हाईटेक उद्योग में परिवर्तन का विकल्प दिया जाएगा।
हालांकि, एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मौजूदा विनिर्माण इकाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और उन्हें परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि दिल्ली में कोई विनिर्माण उद्योग नहीं होगा क्योंकि वे बहुत प्रदूषण फैलाते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था मुख्यत: सेवा उद्योग पर आधारित है। हाईटेक और सेवा उद्योग को औद्योगिक क्षेत्रों में सस्ती दरों पर जगह मुहैया कराई जाएगी।