दिल्ली: गणेश चतुर्थी पर इन नियमों का करना होगा पालन, जानें किन-किन चीजों पर लगा है प्रतिबंध

By भाषा | Updated: August 16, 2020 16:14 IST2020-08-16T16:14:23+5:302020-08-16T16:14:23+5:30

कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सामूहिक रूप से एकत्रित होने की मनाही है।

No idol immersion, community celebrations this Ganesh Chaturthi, says Delhi pollution body | दिल्ली: गणेश चतुर्थी पर इन नियमों का करना होगा पालन, जानें किन-किन चीजों पर लगा है प्रतिबंध

गणेश चतुर्थी पर सामूहिक रूप से एकत्र होने और मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsप्रतिमा विसर्जन, बड़ी संख्या में एकत्र होने और सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने पर प्रतिबंध लगा है। प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने लोगों से कहा है कि वे घर में ही बाल्टी या किसी अन्य पात्र में विसर्जन की रीति पूरा करें।

नई दिल्ली।दिल्ली सरकार ने इस वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिमा विसर्जन, बड़ी संख्या में एकत्र होने और सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने पर प्रतिबंध लगा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक अधिकारी के अनुसार सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने की अनुमति नहीं है क्योंकि महामारी को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सामूहिक रूप से एकत्रित होने की मनाही है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2015 के आदेश के अनुसार यमुना में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थल पर मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए थे। अधिकारी ने कहा कि इस साल संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए यह भी संभव नहीं है।

डीपीसीसी के अनुसार आगामी पर्व पर यमुना या किसी अन्य जलाशय, सार्वजनिक स्थल, तालाब या घाट पर प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी। डीपीसीसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने लोगों से कहा है कि वे घर में ही बाल्टी या किसी अन्य पात्र में विसर्जन की रीति पूरा करें।

डीपीसीसी ने नगर निगमों और जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से जारी ‘अनलॉक तीन’ के दिशा निर्देशों के अनुसार “गणेश पूजा और मूर्ति विसर्जन जैसे धार्मिक आयोजन और सामूहिक रूप से एकत्र होने की अनुमति नहीं है” तथा इस आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए।

डीपीसीसी ने मूर्ति बनाने और बेचने वालों से प्राकृतिक वस्तुओं से मूर्ति बनाने को कहा है। प्लास्टर ऑफ पेरिस या पकाई गई मिट्टी से मूर्ति बनाने पर प्रतिबंध है। गणेश चतुर्थी का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा।

Web Title: No idol immersion, community celebrations this Ganesh Chaturthi, says Delhi pollution body

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