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छह महीने में पार्टी बदलने की चाहत रखने वालों के लिए मार्गदर्शक हैं नीतीश कुमार- हिमंत बिस्व सरमा

By शिवेंद्र राय | Updated: August 10, 2022 20:32 IST

बिहार में राजग गठबंधन टूट चुका है और कल तक सत्ता में रही भाजपा अब विपक्ष की भूमिका में चली गई है। नीतीश कुमार के गठबंधन तोड़न के फैसले के बाद से ही भाजपा नेता नीतीश पर हमलावर हैं। अब अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी नीतीश पर तंज कसा है।

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ठळक मुद्दे हिमंत बिस्व सरमा ने नीतीश पर तंज कसाकहा, 6-8 महीने बाद इस गठबंधन को भी छोड़ सकते हैं नीतीशकहा, नीतीश कुमार अप्रत्याशित हैं

नई दिल्ली: बिहार में जब से नीतीश कुमार ने भाजपा से गछबंधन तोड़ कर राजद के साथ नई सरकार बनाई है चारो तरफ इसी बात की चर्चा है। हर राजनेता की जबान पर नीतीश कुमार का ही नाम है। अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी बिहार में हुए राजनीतिक शह और मात के खेल पर बयान दिया है। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, "आप कैसे गारंटी दे सकते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 6-8 महीने बाद इस गठबंधन को नहीं छोड़ेंगे। वह अप्रत्याशित हैं। हमने भी राजनीतिक दल भी बदला है लेकिन हम उनकी तरह नहीं। हर छह महीने में पार्टी बदलने की चाहत रखने वालों के लिए वह 'मार्गदर्शक' हैं।"

हिमंत बिस्व सरमा का ये बयान ऐसे समय आया है जब नीतीश कुमार को भाजपा का साथ छोड़ राजद के साथ वापस जाने के लिए पल्टूराम कहा जा रहा है। दरअसल नीतीश कुमार की सियासत और राजनीतिक पारी ही ऐसी रही है कि उन्हें समझना सबके बस की बात नहीं है। समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया से प्रभावित होकर राजनीति में आए नीतीश  1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में भाग लिया जहां उनका परिचय लालू यादव और सुशील मोदी से हुआ। राजनीति में धीरे-धीरे परिपक्व हो रहे नीतीश ने  जार्ज फर्नाडिस के साथ मिलकर समता पार्टी की स्थापना की जो बाद में जदयू में रूपांतरित हो गई और आगे जा कर भाजपा के साथ केंद्र में और 2005 के बाद से राज्य में सत्ता में हिस्सेदार बनी।

साल 2010 के विधानसभा में जदयू-भाजपा गठबंधन बड़े बहुमत के साथ बिहार में सत्ता में आया। नरेंद्र मोदी को पसंद न करने के कारण नीतीश ने 2013 में भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त कर लिया।  2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की और सत्ता हासिल की। लेकिन नीतीश कुमार ने 2017 में राजद और कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। 2020 विधानसभा चुनाव नीतीश ने भाजपा के साथ लड़ा लेकिन दो साल बाद ही फिर गठबंधन तोड़ कर राजद का हाथ थाम लिया।

नीतीश कुमार के इन्हीं फैसलों पर तंज कसते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह छह महीने में पार्टी बदलने वालों के लिए मार्गदर्शक बन सकते हैं।

टॅग्स :हेमंत विश्व शर्मानीतीश कुमारबिहारBJPजेडीयूलालू प्रसाद यादव
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