बिहार में हड़ताली शिक्षकों पर सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. इंटर परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं करने वाले शिक्षकों को महंगा पड़ने लगा है. कर्तव्यहीनता और मूल्यांकन कार्य बाधित करने को लेकर दो जिलों में 610 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में 314 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोपालगंज में निलंबित 118 शिक्षकों पर कर्तव्यहीनता और मूल्यांकन कार्य को बाधित करने का आरोप लगा कर निलंबित किया गया है. वहीं बेगूसराय में 178 नियोजित शिक्षकों को निलंबित किया गया है. साथ ही, वित्तरहित 314 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है. इधर, पटना में 70 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, उन पर निलंबन की कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर कार्रवाई की गई है.
वहीं, बेगूसराय में कुल 492 शिक्षकों पर एक्शन लिया गया है. इसमें 178 नियोजित और वित्त रहित कॉलेजों के 314 शिक्षक शामिल हैं. 314 शिक्षकों पर मामला दर्ज करने के लिए थाने को आवेदन दिया गया है. शिक्षकों पर ड्यूटी के दौरान लापरवाही का आरोप लगा गया है. वहीं यह भी निर्णय लिया गया है कि केंद्रों पर वित्तरहित सभी गैर हाजिर शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. यहां बता दें कि बिहार में सभी शिक्षक हड़ताल पर चले गये हैं, जिसके चलते शिक्षण कार्य बाधित हो गया है. ऐसे में अब सरकार सख्त कदम उठाने लगी है.