भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर हमलवार हुईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कहा- डेटोल से मुंह साफ कर दो भैया, देखें वीडियो
By मनाली रस्तोगी | Updated: February 11, 2023 08:15 IST2023-02-11T08:14:25+5:302023-02-11T08:15:59+5:30
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को कांग्रेस पर हमलवार हुईं।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को कांग्रेस और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट में चूक को लेकर उनपर हमलवार हुईं और कहा कि पिछले साल का बजट राज्य विधानसभा में पढ़ा गया था। बजट 2023-24 पर लोकसभा में आम चर्चा के दौरान बोलते हुए सीतारमण ने कहा, "अरे करप्शन के ऊपर आप डेटोल से मुंह साफ करदो भैया कांग्रेसवालों। करप्शन के ऊपर आप बात कर रहे हो।"
उन्होंने कहा, "राजस्थान के साथ कुछ समस्या है, वे इस साल पिछले साल का बजट पढ़ रहे हैं। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कोई भी ऐसी गलती न करे लेकिन आज ऐसा हुआ और इसलिए मुझे इसका जिक्र करना पड़ रहा है।" वहीं, लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी में कटौती करने के विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इसमें पूंजी डालने का रास्ता चुना क्योंकि इसका बहुआयामी असर है। उन्होंने कहा कि लोकोन्मुखी परियोजनाओं में खर्च को बढ़ाया गया जिससे रोजगार के अवसर बढ़े। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया गया जिससे घरेलू मांग बढ़ी है साथ ही सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र पर ध्यान दिया गया।
Corruption के ऊपर आप (Congress) बात कर रहे हो?...आपको भ्रष्टाचार पे बात करने से पहले Dettol से मुंह साफ करना चाहिए।
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) February 10, 2023
- Smt @nsitharaman in Lok Sabha. pic.twitter.com/6gjjscxhjd
सीतारमण ने कहा, "इन चार कदमों से अर्थव्यवस्था सतत विकास के पथ पर बढ़ चली है।" उन्होंने कहा कि सरकार के कई एहतियाती कदमों और आरबीआई की मौद्रिक नीति के कारण नवंबर -दिसंबर 2022 तक मुद्रास्फीति नीचे आई। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद चुनौतीपूर्ण स्थिति रही, इसके बाद रूस-यूक्रेन संघर्ष भी सामने आया, लेकिन सरकार की अच्छी नीतियों जिनमें पीएम गति शक्ति, पीएलआई योजना, सहकारी संघवाद जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिली। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस बात पर ध्यान दिया कि लोगों के हाथों में पैसा रहे।
(भाषा इनपुट के साथ)