निर्भया कांडः दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 'फांसी की सजा निर्मम हत्या है'
By भारती द्विवेदी | Updated: May 4, 2018 16:32 IST2018-05-04T16:31:41+5:302018-05-04T16:32:39+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों दोषियों की फांसी की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

निर्भया कांडः दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 'फांसी की सजा निर्मम हत्या है'
नई दिल्ली, 4 मई: निर्भया गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को रिव्यू पीटीशन दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। वहीं एनडीटीवी की खबर के अनुसार सुनवाई के दौरान निर्भया गैंगरेप के दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि न्याय के नाम पर डेथ पेनाल्टी कोल्ड ब्लडेड मर्डर है। साथ ही ये भी कहा है कि वे युवा और गरीब घर से हैं। विनय शर्मा और पवन गुप्ता, जिन्हें निर्भया केस में फांसी की सजा मिली है।
इनदोंनों के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में इनकी सजा कम करने की अपील करते हुए, ये दलील दी है कि कई देशों में अब मौत की सजा को खत्म कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों दोषियों की फांसी की सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
December 16 gang rape & murder case: Supreme Court grants 3 weeks time to 4th convict, for filing a review petition.
— ANI (@ANI) May 4, 2018
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। दोषियों ने लड़की के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। साल 2013 के सितंबर में साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2014 को मुहर लगा दी थी।
हाईकोर्ट ने दोषियों की याचिका ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनका अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में आता है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ और सजा कम करने के लिए दोषियों ने अपने वकील एमएल शर्मा और एमएम कश्यप के जरिए सुप्रीम कोर्ट में का दरवाजा खटखटाया था।