निर्भया के दोषियों की फांसी बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में याचिका रद्द, जानिए प्रमुख बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 18, 2019 14:11 IST2019-12-18T14:10:09+5:302019-12-18T14:11:08+5:30

दोषी के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में तीन न्यायमूर्तियों की पीठ के समक्ष दलील दी की 2012 में पीड़िता ने मरने से पहले दिए अपने स्वैच्छिक बयान में उसके साथ वारदात करने वालों में से किसी का भी नाम नहीं लिया था। वकील ने कहा कि पीड़िता ने मरने से पहले अक्षय का नाम भी नहीं लिया था।

Nirbhaya convicts hanged, petition dismissed, know the main things | निर्भया के दोषियों की फांसी बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में याचिका रद्द, जानिए प्रमुख बातें

न्यायालय ने कहा, हमें 2017 में दिए मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं मिला।

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने दोषी के हफ्तेभर के भीतर दया याचिका दायर करने की अनुमति दी है।दोषी के वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल को केस में झूठा फंसाया गया था।वकील एपी सिंह ने यहां तक कहा कि मृत्युदंड की सजा आदिमानव काल की विधि है।

उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में चार दोषियों में से एक द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका बुधवार को खारिज कर दी।

निर्भया बलात्कार मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के खिलाफ एक दोषी अक्षय कुमार सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने इस याचिका पर फैसला सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना भी शामिल हैं।

प्रमुख बातें

1ः सुप्रीम कोर्ट ने दोषी के हफ्तेभर के भीतर दया याचिका दायर करने की अनुमति दी है। हालांकि, दोषी के वकील ने इसके लिए तीन हफ्ते का समय मांगा था।

2ः उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले में चार मुजरिमों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज की। 

3ः निर्भया मामला : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दोषी दया याचिका दायर करने के लिए कानून के तहत निर्धारित समय ले सकता है।

4ः न्यायालय ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए समय सीमा तय करने के बारे में टिप्पणी करने से परहेज किया।

5ः सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय काफी है।

6ः मुजरिम के वकील ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा।

7ः न्यायालय ने कहा, हमें 2017 में दिए मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं मिला। 

8ः पुनर्विचार याचिका किसी अपील पर बार-बार सुनवाई के लिए नहीं : उच्चतम न्यायालय।

9ः याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ‘‘मानवता रोती’’ है और यह मामला उन्हीं में से एक है। मेहता ने कहा, ‘‘ कई ऐसे अपराध होते हैं जहां भगवान बच्ची (पीड़िता) को ना बचाने और ऐसे दरिंदे को बनाने के लिए शर्मसार होते होंगे। ऐसे अपराधों में मौत की सजा को कम नहीं करना चाहिए।’’

10ः यह भी कहा कि जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए। दोषियों की आरे से पेश हुए वकील ए. पी सिंह ने अदालत से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु और जल प्रदूषण की वजह से पहले ही लोगों की उम्र कम हो रही है और इसलिए दोषियों को मौत की सजा देने की कोई जरूरत नहीं है।

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