निर्भया मामले के चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने अपने कानूनी सहायता वकील रवि काजी से मिलने से मना कर दिया है। दिल्ली की अदालत द्वारा चारों दोषियों के लिए नया मृत्यु वारंट जारी होने के बाद दोषियों का बर्ताव में काफी बदलाव आया है। चारों दोषियों में से पवन गुप्ता ने अभी दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन दायर नहीं की है।
नए मृत्यु वारंट के मुताबिक, दोषियों को 3 मार्च को फांसी दी जानी है। ऐसी खबरें हैं कि नया मृत्यु वारंट जारी होने के बाद से चारों दोषी घबराए हुए हैं और उन्होंने खाना-पीना कम कर दिया। वे किसी से बात नहीं कर रहे हैं और जेल अधिकारियों से अभद्रता से पेश आ रहे हैं।
वहीं, मामले के एक और दोषी विनय शर्मा ने बीते रविवार को जेल की कोठरी में सिर मारकर खुद को घायल कर लिया। हालांकि, जेल प्रशासन के मुताबिक दोषी को मामूली चोट आई थी, जिसका इलाज कर दिया गया लेकिन उसके वकील ने उसके बेहतर इलाज के लिए अदालत का रुख किया था।
इस बाबत अदालत ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा दोषी की हालत को लेकर जवाब मांगा है। दोषी के वकील ने अदालत में कहा था कि उसका मुवक्किल मानसिक बीमारी, शिजोफ्रेनिया और सिर तथा हाथ की चोट से पीड़ित है और उसे बेहतर इलाज की जरूरत है।
सुनवाई के दौरान अभियोजन ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है। विनय के वकील ने अदालत को बताया था कि दोषी अपनी मां सहित अन्य लोगों को नहीं पहचान पा रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि विनय के वकील जब उसके परिवार के सदस्यों के आग्रह पर उससे मिलने जेले पहुंचे तो उन्होंने पाया कि दोषी के सिर में गहरी चोट लगी थी, हड्डी टूटने की वजह से उसके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा था और वह ‘‘पागलपन’’, ‘‘मानसिक बीमारी’’ और ‘‘शिजोफ्रेनिया’’ से पीड़ित था।
इसमें यह भी दावा किया गया है कि विनय लंबे समय से ठीक से नहीं सोया है और दवाओं पर निर्भरता की वजह से उसे वरिष्ठ मनोचिकित्सक के पास भेजा गया था।
अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय और अक्षय कुमार की मौत की सजा पर अमल के लिये नया मृत्यु वारंट जारी किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)