लाइव न्यूज़ :

'गजवा-ए-हिंद' मामले में एनआईए ने बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की

By रुस्तम राणा | Updated: July 2, 2023 18:07 IST

एनआईए ने बिहार में दरभंगा, पटना समेत तीन स्थानों पर तलाशी ली। इसके साथ ही गुजरात के सूरत और यूपी के बरेली में संदिग्ध व्यक्तियों के घरों पर की गई।

Open in App
ठळक मुद्देएनआईए ने बिहार के दरभंगा में एक और पटना में दो स्थानों पर तलाशी लीसाथ ही गुजरात के सूरत और यूपी के बरेली में संदिग्ध व्यक्तियों के घरों पर की गईइस मामले को पिछले साल 14 जुलाई को दर्ज किया गया था

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 'गजवा-ए-हिंद' मामले की जांच के तहत रविवार को बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पांच स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में पाकिस्तानी संदिग्धों द्वारा संचालित एक कट्टरपंथी मॉड्यूल शामिल है। एनआईए ने बिहार के दरभंगा में एक और पटना में दो स्थानों पर तलाशी ली। इसके साथ ही गुजरात के सूरत और यूपी के बरेली में संदिग्ध व्यक्तियों के घरों पर की गई।

एनआईए ने कहा कि छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड), सिम कार्ड और दस्तावेजों सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। यह मामला बिहार पुलिस द्वारा पटना जिले के फुलवारीशरीफ इलाके के मरघूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया, मामले को पिछले साल 14 जुलाई को दर्ज किया गया था। 

एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और पिछले साल 22 जुलाई को इसे फिर से दर्ज किया और इस साल 6 जनवरी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत मारघूब पर आरोप पत्र दायर किया गया।

एनआईए ने कहा, आरोपी को 'गजवा-ए-हिंद' मॉड्यूल का सदस्य पाया गया, जो पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र पर गजवा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था।

जांच से पता चला कि मरगूब एक व्हाट्सएप ग्रुप 'गज़वा-ए-हिंद' का एडमिन था, जिसे जैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था। एनआईए ने कहा, "मरघूब ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश में स्लीपर सेल स्थापित करने के उद्देश्य से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को समूह में जोड़ा था।

इसमें आगे कहा गया कि आरोपी ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर पर 'गज़वा-ए-हिंद' के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप बनाए थे। एनआईए ने कहा, आगे की जांच से पता चला कि मामले में शामिल विभिन्न संदिग्ध पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के विचार का प्रचार करने में शामिल थे।

टॅग्स :एनआईएबिहारगुजरातउत्तर प्रदेश समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण