हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया हैः पीएम मोदी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2019 20:10 IST2019-09-27T20:04:37+5:302019-09-27T20:10:02+5:30

UN peacekeeping missions में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है।

New York, US: Prime Minister Narendra Modi at the #UNGA says, "Hum uss desh ke vaasi hain jisne dunia ko yuddh nahi Buddh diye hain, shanti ka sandesh diya hai." | हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया हैः पीएम मोदी

2025 तक हम भारत को तपेदिक (टीबी) से मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

Highlightsमोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि सत्य और अहिंसा का संदेश पूरे विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक। आने वाले पांच वर्षों में हम जल संरक्षण के साथ 15 करोड़ परिवारों को पाइप के जरिए पेयजल आपूर्ति से जोड़ने वाले हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी में संबोधन शुरू किया। 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना गौरव की बात।

UN peacekeeping missions में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि सत्य और अहिंसा का संदेश पूरे विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक। आने वाले पांच वर्षों में हम जल संरक्षण के साथ 15 करोड़ परिवारों को पाइप के जरिए पेयजल आपूर्ति से जोड़ने वाले हैं।

विश्व शांति के लिए भारत के योगदान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने ‘‘युद्ध नहीं बुद्ध’’ दिये हैं तथा संरा शांति सेना में भारत का सबसे अधिक योगदान रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में हिंदी में दिये अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करना गौरव की बात है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने (भारत ने) युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं’’

और संरा शांति सेना में भारत ने सबसे ज्यादा योगदान दिया है । मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि सत्य और अहिंसा का संदेश पूरे विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में हम जल संरक्षण के साथ 15 करोड़ परिवारों को पाइप के जरिए पेयजल आपूर्ति से जोड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि 2025 तक हम भारत को तपेदिक (टीबी) से मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जन-भागीदारी से जन-कल्याण की दिशा में काम कर रहे हैं और यह केवल भारत ही नहीं ‘‘जग-कल्याण’’ के लिए है। ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि प्रति व्यक्ति उत्सर्जन की दृष्टि से देखें तो वैश्विक तापमान को बढ़ाने में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है।

2025 तक हम भारत को तपेदिक (टीबी) से मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि हम जनभागीदारी से जनकल्याण की दिशा में काम कर रहे हैं और यह केवल भारत ही नहीं ‘‘जगकल्याण’’ के लिए है। यदि प्रति व्यक्ति उत्सर्जन की दृष्टि से देखें तो वैश्विक तापमान को बढ़ाने में भारत का योगदान बहुत ही कम रहा है। हमने (भारत ने) युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं और संरा शांति सेना में भारत ने सबसे ज्यादा योगदान दिया है।

Web Title: New York, US: Prime Minister Narendra Modi at the #UNGA says, "Hum uss desh ke vaasi hain jisne dunia ko yuddh nahi Buddh diye hain, shanti ka sandesh diya hai."

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