New Parliament Inauguration: संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर जारी सियासत के बीच शुक्रवार को जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार अपने अहंकार और तानाशाही में देश की पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर रही है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है। देश की संस्थाओं को निष्पक्ष नहीं छोड़ा जा रहा है। ललन सिंह ने कहा कि देश में अघोषित तानाशाही है। यही वजह से देश के गौरवशाली इतिहास को खत्म कर मोदी इतिहास बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम का सारे विपक्ष के दल विरोध कर रहे हैं।
इसमें अगर कोई भाजपा का समर्थन भी कर रहा है तो वो नॉर्थ ईस्ट के कुछ दल हैं जो आज सरकार बदल जाए तो कल दूसरी तरफ जाकर बैठ जाएंगे। इस देश में मुखर कानून चल रहा है। जो मोदी जी बोल दिए, वही कानून बन गया।
ललन सिंह ने नए संसद भवन के उद्घाटन का 21 विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार करने का समर्थन करने हुए कहा कि 28 मई को मात्र पूर्वोत्तर भारत के राज्यों से जुड़े हुए कुछ दल शामिल हो रहे हैं। ये ऐसे दल हैं जो एक से 2 सांसदों वाली पार्टियां हैं। जब भी केंद्र में सरकार बदलती है तो ऐसे दल भी बदल जाते हैं। इनके अलावा मुख्य विपक्षी दलों में अधिकांश ने उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि पुराने को खत्म कर नया संसद बनाने का कोई मतलब नहीं था। लेकिन पुराने इतिहास को खत्म किया जा रहा है। ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के तरफ से समर्थन करने को लेकर ललन सिंह ने कहा कि यह उनकी अपनी सोच है, इसमें हमारा कोई किसी पर दबाव नहीं है। जब भाजपा में अटल जी और आडवाणी जी थे तो पार्टी दूसरी पार्टी थी।
यह लोग लोकतंत्र में विश्वास करते थे और अपने सहयोगी के प्रति सम्मान का भाव रखते थे। लेकिन जब से इस पार्टी में नरेंद्र मोदी आए हैं तब से तानाशाही का भाव झलकता है। भाजपा अहंकार में डूबी हुई है। इसी अहंकार में देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने पर तुले हुए हैं।
आज देश की कोई भी एक ऐसी संस्था नहीं है जो निष्पक्ष तरीके से काम करें। इसके अलावा 2000 के नोट बदली को लेकर उन्होंने कहा कि इस देश में मैंने पहले ही कहा कि मुखेर कानून हो गया है। जो नरेंद्र मोदी ने कह दिया वही कानून बन जाएगा।