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New Criminal Laws: पहली प्राथमिकी सावंतवाड़ी पुलिस ने किया दर्ज, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा- बीएनएस कानून के तहत...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 1, 2024 16:59 IST

New Criminal Laws: नए आपराधिक कानूनी प्रावधानों के तहत पहली प्राथमिकी सावंतवाड़ी थाने में देर रात दो बजकर 19 मिनट पर दर्ज की गई। 

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ठळक मुद्दे औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और इंडियन एवीडेंस एक्ट का स्थान लिया है।रश्मि शुक्ला राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक हैं।जनवरी में महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक का पद संभाला था। 

New Criminal Laws: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने राज्य विधानसभा में बताया कि नये भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) कानून के तहत पहली प्राथमिकी सोमवार को सिंधुदुर्ग जिले में सावंतवाड़ी पुलिस द्वारा दर्ज की गई। उन्होंने हालांकि मामले का ब्यौरा नहीं दिया। सोमवार को तीन नये आपराधिक कानूनों के प्रभावी होने से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आए। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और इंडियन एवीडेंस एक्ट का स्थान लिया है। फड़नवीस ने सदन में कहा कि नए आपराधिक कानूनी प्रावधानों के तहत पहली प्राथमिकी सावंतवाड़ी थाने में देर रात दो बजकर 19 मिनट पर दर्ज की गई।

फड़नवीस गृह विभाग का प्रभार भी संभाल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सुजाता सौनिक की नियुक्ति के बाद महाराष्ट्र में पहली बार कोई महिला मुख्य सचिव बनी है। फड़नवीस ने कहा कि रश्मि शुक्ला राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक हैं।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की 1987 बैच की अधिकारी सौनिक ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव का पदभार संभाला। वह राज्य के 64 साल के इतिहास में शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। शुक्ला ने इस वर्ष जनवरी में महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक का पद संभाला था। 

नए कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज होने पर तीन साल के भीतर न्याय मिलेगा: शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद उच्चतम न्यायालय के स्तर तक सभी मामलों में न्याय प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर मिलेगा। शाह ने नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में अपराधों में कमी आएगी और नए कानूनों के तहत 90 प्रतिशत मामलों में दोषसिद्धि होगी। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गए।

इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के स्तर तक न्याय प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर मिल सकता है।’’ गृह मंत्री ने कहा कि तीनों आपराधिक कानूनों के लागू होने से भारत में दुनिया में सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘नए कानून, आधुनिक न्याय प्रणाली को स्थापित करते हैं जिनमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण, एसएमएस जैसे इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से समन और सभी जघन्य अपराधों के लिए अपराध स्थलों की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल हैं।’’

शाह ने बताया कि नए कानून के तहत पहला मामला ग्वालियर में रविवार रात 12 बजकर 10 मिनट पर मोटरसाइकिल चोरी का दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि नए कानून न्याय प्रदान करने को प्राथमिकता देंगे, जबकि औपनिवेशिक काल के कानूनों में दंडात्मक कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाती थी।

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