लाइव न्यूज़ :

सीमा पर तनाव के बीच भारतीय सीमा पर बॉर्डर आउटपोस्ट बढ़ा रहा है नेपाल

By निखिल वर्मा | Updated: June 16, 2020 09:19 IST

भारत और नेपाल के बीच करीब 1750 किलोमीटर लंबी सीमा का 98 प्रतिशत हिस्सा रेखांकित है.दोनों पक्षों के बीच कालापानी तथा सुस्ता को लेकर मतभेद हैं.

Open in App
ठळक मुद्देविवादित नक्शे के अलावा बिहार के सीतामढ़ी में नेपाली सशस्त्र बल द्वारा गोली चलाने की घटना से भी तनाव बढ़ा है रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हालिया तनाव पर कहा है कि दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का संबंध है.

सीमा पर चल रहे तनाव के बीच नेपाल ने भारत के साथ लगी सीमा पर 100 बॉर्डर आउट पोस्ट(बीओपी) बढ़ाने की योजना बनाई है। नेपाल की योजना वर्तमान में 121 बीओपी को बढ़ाकर 221 करने की है। नेपाल यह काम ऐसे समय करने जा रहा है जब  लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को लेकर दोनों देशों में तनाव है। बीओपी मामले से परिचित लोगों ने कहा कि नेपाल बीओपी की संख्या 500 तक करने की योजना बना रहा है।

सशस्त्र सीमा बल (SSB)जो नेपाल के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा करता है और भारत की केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी है कि सीमा पर तैनात नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल (APF) को पहले ही 100 बीओपी की स्वीकृति मिल चुकी हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, नेपाल के गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता केदार नाथ शर्मा ने काठमांडू से एक फोन इंटरव्यू में तत्काल योजना की पुष्टि की।

उन्होंने कहा, “हाँ, हम अगले नेपाली वित्तीय वर्ष में भारत-नेपाल सीमा पर बीओपी की संख्या मौजूदा 121 से बढ़ाकर 221 करने जा रहे हैं। मैं आगे की योजनाओं के बारे में कुछ नहीं कह सकता। ” अगला नेपाली वित्तीय वर्ष 16 जुलाई, 2020 से 15 जुलाई, 2021 तक है।

नेपाल एपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, देश की सीमा पर अपराध रोकने और अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश को रोकने के लिए बीओपी की संख्या बढ़ाई जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि कुछ चौकी लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के आसपास हैं, इन तीन क्षेत्रों पर नेपाल अब दावा कर रहा हैं।

भारत-नेपाल के बीच बढ़ा तनाव

दोनों देशों के संबंधों में तनाव उस समय आ गया जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का आठ मई को उद्घाटन किया था। नेपाल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उसने कुछ दिन बाद देश का नया राजनीतिक नक्शा पेश किया जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों को अपने भूभाग में दिखाया गया है। 

केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली कम्यूनिस्ट सरकार ने शनिवार को इस नए नक्शे को संसद के निचले सदन से सर्वसम्मति से पारित करा लिया था। वहीं भारत ने कड़े शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि “कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर” पेश किए गए क्षेत्रीय दावे स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। 

टॅग्स :नेपालइंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत