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नेपाल से भारत रवाना हुईं शालिग्राम शिलाएं, भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा का निर्माण होगा

By शिवेंद्र राय | Updated: January 29, 2023 14:44 IST

नेपाल से लाई जा रहीं शालिग्राम की दोनों शिलाएं गंडकी नदी से निकाली गई हैं। 127 टन वजनी दोनों शिलाओं को नदी से क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया और ट्रक पर लोड किया गया। भारी-भरकम दोनों शिलाएं नेपाल से भारत के लिए रवाना भी हो चुकी हैं।

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ठळक मुद्देनेपाल से शालिग्राम की दो शिलाएं लाई जा रही हैंशिलाओं से भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा का निर्माण होगाशालिग्राम शिलाएं नेपाल की गंडकी नदी से निकाली गई हैं

नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। राम मंदिर निर्माण में अब स्तंभ लगाने का काम शुरू हो गया है और माना जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक राम मंदिर के भूतल निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। अब मंदिर में भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करने के लिए नेपाल से शालिग्राम की दो शिलाएं लाई जा रही हैं। मान्यता के मुताबिक ये शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं।

नेपाल से लाई जा रहीं शालिग्राम की दोनों शिलाएं नेपाल की गंडकी नदी से निकाली गई हैं। 127 टन वजनी दोनों शिलाओं को नदी से क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया और ट्रक पर लोड किया गया। भारी-भरकम दोनों शिलाएं नेपाल से भारत के लिए रवाना भी हो चुकी हैं। विधिवत पूजा अर्चना के बाद दोनों शालिग्राम शिलाओं को पहले जनकपुर ले जाया जाएगा। 

बिहार के मधुमनी बॉर्डर से दोनो शिलाएं भारत में प्रवेश करेंगी। वहां से गोरखपुर के गोरक्षपीठ लाई जाएंगी और पूजा-अनुष्ठान के बाद अंत में  2 फरवरी को अयोध्या लाई जाएंगीं।  नेपाल में बहने वाली शालिग्रामी नदी को भारत में प्रवेश करने के बाद नारायणी नदी कहा जाता है। सरकारी दस्तावेजों में इस नदी को बूढ़ी गंडक कहा गया है। सनातन भारतीय मान्यता के अनुसार जब शालिग्राम की दोनों शिलाओं को नदी से बाहर निकाला गया तब परंपरा के अनुसार नदी से क्षमा भी मांगी गई।

बता दें कि शालिग्रामी नदी के काले पत्थर भगवान शालिग्राम के रूप में भी पूजा जाता है। नेपाल के पोखरा से होते हुए जब दोनों शिलाएं रवाना हुईं तब इनके दर्शन कते लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ भी जुट गई। शिलाओं के साथ में करीब 100 लोगों का समूह भी चल रहा है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार अयोध्या में बन रहा भव्य राम मंदिर 20 फुट ऊंचे 392 खंभों पर खड़ा होगा जबकि मंदिर का शिखर 161 फुट ऊंचा होगा। मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका और श्रीराम के जीवन को मूर्तियों के माध्यम से बताने और समझाने के लिए रामकथा कुंज की स्थापना भी की जाएगी जिसमें मूर्तियों के नीचे रामायण की चौपाइयां भी लिखी होंगी।

टॅग्स :राम मंदिरअयोध्यानेपालभारतLord Ram
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