मोतिहारी (बिहार), सात नवंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि भारत में कृषि क्षेत्र में ज्यादातर छोटे और सीमांत किसान हैं और उनकी आय बढ़ाने की जरूरत है।
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के पिपराकोठी परिसर में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कृषि क्षेत्र को विकास और जीविका के लिए आवश्यक सभी मदद दी जाए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) छोटे और सीमांत किसानों की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात तथा अन्य क्षेत्रों में बहुत मदद कर सकते हैं।
नायडू ने क्षमता निर्माण के माध्यम से एफपीओ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। देश में खाद्य प्रसंस्करण की असीम संभावना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों से किसानों को एकजुट करने को लेकर प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
नायडू ने कहा, ‘‘भारतीय कृषि क्षेत्र में कम संसाधनों वाले सीमांत और छोटे किसान हैं। बेहतर संसाधन उपयोग दक्षता सहित विभिन्न स्रोतों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की आवश्यकता है।’’ उपराष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग पर भी जोर दिया।
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की सराहना करते हुए नायडू ने कहा कि देश मेहनती किसानों का बहुत ऋणी है। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने भी शिरकत की। नायडू राज्य के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को पटना पहुंचे।
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