बालासोर (ओडिशा), छह अगस्त रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा है कि विश्वस्तरीय परीक्षण केंद्र के लिए आवश्यक ‘रेंज टेक्नोलॉजी और इंस्ट्रूमेन्टेशन’ में मौजूदा प्रवृत्तियों की संभावनाएं तलाश करने की जरूरत है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास (आर ऐंड डी) विभाग के सचिव डॉ रेड्डी ने परीक्षण केंद्र प्रौद्योगिकी पर दूसरे इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (आईईई) अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीओआरटी-2021) का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। इसका आयोजन डिजिटल माध्यम से हो रहा है।
इस सम्मेलन का आयोजन समन्वित परीक्षण केंद्र (आईटीआर), चांदीपुर द्वारा किया जा रहा है, जो डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला है।
एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘कार्यक्रम में दुनिया भर से वक्ता भाग लेंगे, जो परीक्षण एवं रक्षा प्रणालियों के मूल्यांकन से जुड़े विविध विषयों में अपनी प्रौद्योगिकीय उपलब्धियों को प्रस्तुत करेंगे।’’
डीआरडीओ प्रमुख ने अपने संबोधन में परीक्षण एवं मूल्यांकन में भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए रेंज प्रौद्योगिकी में हुए हालिया विकास को अपनाने की अहमियत का जिक्र किया।
उन्होंने सम्मेलन में ‘रेंज टेक्नोलॉजी और रेंज इंस्ट्रूमेन्टेशन’ में मौजूदा प्रवृत्तियों की संभावना तलाश करने के महत्व पर जोर दिया।
सम्मेलन के दौरान एक वर्चुअल प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है, जिसमें भारत एवं विदेशों से 25 उद्योग और संगठन अपने उत्पादों तथा प्रौद्योगिकी प्रदर्शित करेंगे।
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