नई दिल्ली, 2 नवंबर:छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा मे चुनावी कवरेज करने गए डीडी न्यूज के कैमरामेन अच्युतानंद साहू की मौत पर नक्सलियों की तरफ से सफाई दी गई है। नक्सलियों ने एक चिट्ठी लिख बताया है कि उनका टारगेट पत्रकार नहीं थे। जो भी हुआ वो गलती से हुआ।
माओवादी संगठन के सचिव साईनाथ ने जारी की चिट्ठी में लिखा है-
'छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अब चौथी विधानसभा चुनाव की तैयारी हो रही है। उसके अंर्तगत अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों ने जनता को गुमराह करने के लिए झूठे वादे कर रही हैं। इस चुनाव को शांतिपूर्वक सफल करने का बहाना बनाकर अब तक करीबन पांच लाख पुलिस कमांडो, अर्धसैनिक बलों के अलावा एक लाख अर्धसैनिक बलों के संघर्षरत इलाकों में तैनात किया गया है। हर दिन गांवों पर हमला करना, जनता से मारपीट करना, फर्जी मुठभेडों में मारना, फर्जी केसों में जेल भेजना, फर्जी आत्मसमपर्ण के नाम से दासियों ग्रामीणों को वारंटी नक्सली बताकर मीडिया में दिखना आम बात हो गई है। इसी माहौल में ही दंतेवाड़ा जिला आरनपुर से लेकर बूरगूम तक सड़क बनाने का काम एक अक्टूबर से चल रहा है।
इसी वजह से जनता की बोई हुई फसल कोदो, कुटकी, धान, तिलहन, दलहन के साथ-साथ वजह से से वहां की जनता में आक्रोश फायदा हुआ। निलवाया, पोटाली, बाहडी, बूरगूम, रेवली पंचायतों की जनता सड़क निर्माण कार्य के विरोध में रैली निकाली थी। इस रैली में शामिल जनता को पुलिस ने मारपीट कर जबरदस्ती रोड निर्माण कार्य चल रहा रहै। इसी के अंर्तगत हर दिन निर्माण में सुरक्षा के बहाना से पुलिस आकर जनता के ऊपर फायरिंग करना, मारपीट कर गांवों में लूटपाट कर रहे हैं।
इसके विरोध में हमारा पीएलजीए ने पुलिसवालों पर 30 अक्टूबर की सुबह निलावाया के पास एमबुश किया था। इसमें एसआई रूद्रप्रताप सिंह, कांस्टेबल मंगलराम के साथ दूरदर्शन के कैमरामेन अच्युतानंद साहू मारे गए और दो पुलिस वाले घायल हो गए। हर दिन की तरह 30 अक्टूबर की सुबह हम एम्बुश साइट में पहुंच , एम्बुश शुरू हो गया। इस समय दूरदर्शन टीम भी पुलिसवालों की गाड़ी में बैठकर एम्बुश वाली जगह में आ गए। हमें नहीं मालूम था उसमें दूरदर्शन टीम भी है। जबर्दस्त फायरिंग में अच्युतानंद साहू का मरना दुख की बात है। हम जानबूझकर पत्राकारों नहीं मारेंगे। इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री, केंद्रीय प्रचार-प्रसार शाखा मंत्री, पुलिस अधिकारी हमारी पार्टी को बदनाम करने के लिए दूरदर्शन टीम पर माओवादी हमला किया ऐसा बोलते हुए मीडिया में दुष्प्रचार कर रहे हैं। पत्रकार को लोग हमारे दुश्मन नहीं हमारे मित्र हैं। आम अपील कर रहे हैं कि कभी भी संघर्ष इलाकों में पत्रकार, अलग कर्मचारी लोग पुलिस के साथ ना आए। खासकर चुनावी ड्यूटी पर आने वाले कर्माचरी लोग किसी परिस्थितियों में भी पुलिस के साथ ना आएं।'
माओवदी सचिव साईनाथ ने अपनी चिट्ठी के अंत में वहां की जनता से विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की भी अपील की है। गौरतलब है कि 30 अक्टूबर को दंतेवाड़ा में नक्सिलयों ने पुलिस टीम पर हमला किया था, जिसमें दूरदर्शन के कैमरामेन अच्युतानंद साहू के अलावा एक और मीडियाकर्मी की मौत हो गई थी। वहां मौजूद असिस्टेंट कैमरामेन मोरमुकुट शर्मा ने नक्सली हमले के दौरान अपनी मां के लिए एक वीडियो बनाया था, जो कि बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।