चीन पर नकेल, मोदी सरकार ने सरकार ने CHINA से आयातित ‘चीनी’ पर प्रतिपूर्ति शुल्क लगाया
By भाषा | Published: September 9, 2019 04:53 PM2019-09-09T16:53:47+5:302019-09-09T16:53:47+5:30
घरेलू उत्पादकों को सस्ते आयात से संरक्षण देने के लिए यह कदम उठाया गया है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिश पर राजस्व विभाग ने यह शुल्क लगाया है।
सरकार ने चीन से आयातित सैकरीन पर पांच साल के लिए प्रतिपूर्ति शुल्क लगा दिया है। सैकरीन भी एक प्रकार की चीनी होती है।
घरेलू उत्पादकों को सस्ते आयात से संरक्षण देने के लिए यह कदम उठाया गया है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिश पर राजस्व विभाग ने यह शुल्क लगाया है।
डीजीटीआर ने अपनी जांच में यह निष्कर्ष निकाला कि भारत को सैकरीन का निर्यात सब्सिडी वाली कीमत पर किया जा रहा है। इससे घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि इन निष्कर्षों पर विचार के बाद यह शुल्क लगाने का फैसला किया गया है।
इस उत्पाद पर 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया जाएगा। इसे लागत, बीमा और ढुलाई (सीआईएफ) के आधार पर लगाया जाएगा। सीआईएफ मूल्य किसी उत्पाद का निर्यात किए जाते समय वास्तविक मूल्य होता है। डीजीटीआर जरूरी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है जबकि वित्त मंत्रालय इस पर अंतिम निर्णय लेता है।
वित्त वर्ष 2018-19 में देश में सैकरीन का आयात 76 लाख डॉलर (लगभग 54 करोड़ रुपये) का रहा था। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में यह 39.4 लाख डॉलर या 28 करोड़ रुपये का रहा है। हालांकि, चीन से इस उत्पाद का आयात 2018-19 में मामूली घटकर 40 लाख डॉलर (28 करोड़ रुपये) रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 41.7 लाख डॉलर (29 करोड़ रुपये) था।