सिद्धू का टि्वट वार, परिंदों को मंज़िल मिलेगी हमेशा, यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं...
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 31, 2019 12:35 PM2019-05-31T12:35:01+5:302019-05-31T12:35:01+5:30
सिद्धू ने अपने स्थानीय निकाय विभाग के कामकाज का भी बचाव करते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह सरकार के किसी और मंत्री ने “इतनी पारदर्शिता” से काम नहीं किया। मुख्यमंत्री ने हाल में कहा था कि मंत्री के तौर पर सिद्धू के प्रदर्शन की समीक्षा की जरूरत है और वह “अपना ही विभाग संभाल पाने में सक्षम नहीं हैं”, इसके बाद सिद्धू की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई है।
पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अनुचित तरीके से कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिये जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और कुछ लोग उन्हें पार्टी से बाहर निकालना चाहते हैं।
सिद्धू का टि्वट वार,
परिंदों को मंज़िल मिलेगी हमेशा,
यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं...
वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,
ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं।
परिंदों को मंज़िल मिलेगी हमेशा,
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 30, 2019
यह फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,
वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर,
ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं।
सिद्धू ने अपने स्थानीय निकाय विभाग के कामकाज का भी बचाव करते हुए कहा कि अमरिंदर सिंह सरकार के किसी और मंत्री ने “इतनी पारदर्शिता” से काम नहीं किया। मुख्यमंत्री ने हाल में कहा था कि मंत्री के तौर पर सिद्धू के प्रदर्शन की समीक्षा की जरूरत है और वह “अपना ही विभाग संभाल पाने में सक्षम नहीं हैं”, इसके बाद सिद्धू की तरफ से यह प्रतिक्रिया आई है।
अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पंजाब के शहरी इलाकों में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। सिद्धू शहरी विकास मंत्री हैं। बेअदबी मामले में सिद्धू की टिप्पणी का “बठिंडा में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ने” की संभावना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद वह पार्टी आलाकमान के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए सिद्धू ने कहा कि जब उन्होंने विभाग का जिम्मा संभाला था तो वह “दिशाहीन जहाज” था। क्रिकेटर से अभिनेता बने सिद्धू ने कहा कि बीते दो साल में उनके विभाग ने 6000 करोड़ रुपये अर्जित किये।
उसकी सभी परियोजनाएं युद्धस्तर पर पूरी की जा रही हैं। सिद्धू ने कहा, “वही आठ या नौ लोग हैं जो पूर्व में भी उन्हें पार्टी से बाहर करना चाहते थे, लेकिन मैंने उनके खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं बोला।” उन्होंने कहा, “विभाग के पास पांच पैसा भी नहीं था।
कर्मचारियों को वेतन देने के लिये पैसे नहीं थे, कोई दृष्टि नहीं थी, कोई जवाबदेही नहीं थी और उसके काम करने के तौर-तरीकों पर कोई सवाल नहीं उठा रहा था।”