लाइव न्यूज़ :

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीः 26 साल पहले स्थापना, शरद पवार बोले-कभी नहीं सोचा था एनसीपी में बंटवारा होगा, क्या पद छोड़ेंगे जयंत पाटिल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 10, 2025 15:42 IST

Nationalist Congress Party: पुणे स्थित पार्टी कार्यालय में ध्वजारोहण के समय राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार, लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और अन्य पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे जबकि बालेवाडी स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज खेल परिसर में आयोजित समारोह में तटकरे, राज्यसभा सदस्य सुनेत्रा पवार और अन्य नेता शामिल हुए।

Open in App
ठळक मुद्देआप बिना हतोत्साहित हुए पार्टी को आगे ले जाते रहे। हमने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी बंट जाएगी लेकिन ऐसा हुआ।चुनावों में एक अलग तस्वीर सामने आएगी।

पुणेः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-एसपी) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि 26 साल पहले उनके द्वारा सह-स्थापित पार्टी में विभाजन होगा। पवार ने यह बात यहां राकांपा के 26वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। राकांपा 2023 में विभाजित हो गई थी। पवार ने चुनौतियों के बावजूद पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘....पार्टी को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन आप बिना हतोत्साहित हुए पार्टी को आगे ले जाते रहे। पार्टी में विभाजन हुआ।

हमने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी बंट जाएगी लेकिन ऐसा हुआ।’’ पवार ने कहा, ‘‘ कुछ लोग दूसरी विचारधाराओं के साथ हो लिए और यह विभाजन बढ़ गया। मैं आज इसके बारे में बात नहीं करना चाहता लेकिन जो लोग पार्टी के प्रति वफादार रहे, वे हमारी पार्टी की विचारधारा के कारण रहे।" उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में एक अलग तस्वीर सामने आएगी।

शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा जुलाई 2023 में उस समय विभाजित हो गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए थे। पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिह्न अजित पवार गुट को दिया गया जबकि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री की अगुआई वाले गुट का नाम राकांपा (शरदचंद्र पवार) रखा गया।

राकांपा(एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष पाटिल ने पद छोड़ने के दिए संकेत

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा-एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में पद से इस्तीफा देने का संकेत दिया, जिसके बाद कार्यकर्ता भावुक हो गए और उन्होंने पाटिल से पद पर बने रहने का आग्रह किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 26वें स्थापना दिवस पर पुणे के बालगंधर्व सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में पाटिल ने कहा कि नए चेहरों को मौका देना जरूरी है। राकांपा के संस्थापक शरद पवार भी मंच पर मौजूद थे।

पाटिल ने कहा, ‘‘ पवार साहब ने मुझे बहुत सारे अवसर दिए। मुझे सात साल के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन अब पार्टी के लिए नए चेहरों को मौका देना महत्वपूर्ण है।’’ उनके इस फैसले का पार्टी कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया। कार्यकर्ताओं की भावनात्मक अपील के बीच पाटिल ने भावुक स्वर में कार्यकर्ताओं से शांत रहने का अनुरोध किया।

पाटिल ने अपना भाषण समाप्त करते हुए कहा, ‘‘ यह पार्टी पवार साहब की है इसलिए उन्हें उचित निर्णय लेना चाहिए। मैं पवार साहब और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं।’’ शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा जुलाई 2023 में तब विभाजित हो गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार तत्कालीन शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। 

राकांपा का राजग में शामिल होने का फैसला सामूहिक था: तटकरे

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख अजित पवार के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होना पार्टी का सामूहिक निर्णय था। तटकरे ने पार्टी के 26वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां संवाददाताओं से बातचीत में शरद पवार नीत प्रतिद्वंद्वी गुट राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ पार्टी के संभावित पुनर्मिलन की अटकलों को खारिज कर दिया। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) भी पुणे में पार्टी का स्थापना दिवस मना रही है।

तटकरे ने कहा, ‘‘यह कोई व्यक्तिगत निर्णय नहीं था। अजित दादा के नेतृत्व में राजग में शामिल होना सामूहिक निर्णय था। मैंने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि 2014 से लेकर अब तक कई बार ऐसा हुआ है जब पार्टी (तब अविभाजित) ने गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था। हम राजग में शामिल होने के कगार पर थे लेकिन आखिरी समय में फैसला बदल गया।’’

उन्होंने कहा कि 2023 में अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी ने लोगों के कल्याण के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया। तटकरे ने कहा, ‘‘हम अपनी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा तथा छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और शाहू महाराज की विचारधारा से समझौता किए बिना राजग में शामिल हुए।’’

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी की यात्रा जारी रहेगी। तटकरे ने पुणे में दोनों गुटों द्वारा अपना स्थापना दिवस मनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि राकांपा की स्थापना 10 जून 1999 को हुई थी और भारत के निर्वाचन आयोग ने पार्टी के दोनों गुटों को मान्यता दी है तथा इसलिए उन्हें अपना स्थापना दिवस मनाने का अधिकार है।

लोकसभा सदस्य ने दोनों गुटों के संभावित विलय की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि राकांपा को ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। अविभाजित राकांपा और कांग्रेस ने संयुक्त शिवसेना के साथ 2019 में हाथ मिलाया था और महा विकास आघाडी(एमवीए) सरकार का गठन किया था जो जून 2022 में गिर गई थी।

तब विपक्ष में रहे अजित पवार 2023 में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन में राकांपा विधायकों के बहुमत के साथ शामिल हो गए थे और उपमुख्यमंत्री बन गए थे। प्रतिद्वंद्वी राकांपा गुटों ने अपने कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पार्टी का झंडा फहराकर स्थापना दिवस समारोह मनाया।

सुले ने राकांपा के गुटों के एकजुट होने की अटकलों के सवाल को टाला

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने राकांपा के दोनों गुटों के फिर एकजुट होने की अटकलों से जुड़े सवाल का मंगलवार को सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि वह अन्य जिम्मेदारियों में व्यस्त हैं और उनके पास पार्टी मामलों पर चर्चा करने का समय नहीं है।

सुले से जब पूछा गया कि मंगलवार को राकांपा के 26वें स्थापना दिवस पर क्या वह अपने ताऊ के बेटे एवं प्रतिद्वंद्वी राकांपा प्रमुख अजित पवार को याद कर रही हैं, तो लोकसभा सदस्य ने संवाददाताओं से कहा कि उनके छह भाई हैं और वह उन्हें रोजाना याद करती हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी के स्थापना दिवस पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बधाई देने के लिए फोन करेंगी, सुले ने कहा, ‘‘मैं अपने सभी भाइयों से अलग-अलग अवसरों पर बात करती रहती हूं।’’

शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा जुलाई 2023 में उस समय विभाजित हो गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए थे। पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिह्न अजित पवार गुट को दिया गया जबकि पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री की अगुआई वाले गुट का नाम राकांपा (शरदचंद्र पवार) रखा गया।

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों गुट आपसी मतभेद भुलाकर फिर से एक होने की सोच रहे हैं। राकांपा (एसपी) के एक वर्ग की भी यही राय होने और पार्टी संबंधी सभी फैसले सुले द्वारा ही लिए जाने संबंधी शरद पवार के बयान को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 15 दिन से मुझे पार्टी नेताओं से पार्टी मामलों पर चर्चा करने या अपने परिवार से मिलने का समय नहीं मिला है।’’

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपने विचार और राय व्यक्त करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा शरद पवार द्वारा स्थापित एक संगठन है और यह 26 वर्ष से कार्यरत है। सभी ने, चाहे वे हमारे साथ हों या नहीं, पार्टी के विकास में योगदान दिया है। यह मिलकर किया गया काम है। मैं आर आर पाटिल को याद कर रही हूं जो अब नहीं रहे।’’

सुले ने हाल में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत के रुख से अवगत कराने के लिए कुछ देशों की यात्रा की थी। सांसद ने कहा कि वह आज शाम में नयी दिल्ली रवाना होंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश यात्रा करके लौटे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मिलेंगे।

टॅग्स :राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीशरद पवारअजित पवारPuneमुंबईमहाराष्ट्र
Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतIndiGo Flight: कुवैत से हैदराबाद जा रहे विमान को मुंबई किया गया डायवर्ट, 'ह्यूमन बम' की धमकी के बाद एक्शन

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई