बांग्लादेश और गोवा जीत के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह के जन्म शताब्दी समारोह में कई कार्यक्रम करेगी सेना

By भाषा | Updated: July 10, 2019 13:24 IST2019-07-10T13:24:58+5:302019-07-10T13:24:58+5:30

लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह का जन्म राजस्थान के चूरू जिले के कुसुमदेसर (मोडा) गांव में 14 जुलाई 1919 को हुआ था। वे तीन भाइयों और छह बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने 1936 में बीकानेर के वाल्टर नोबल्स हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।

Nation remembers Lt Gen Sagat Singh, the hero of Goa and Bangladesh liberation wars | बांग्लादेश और गोवा जीत के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह के जन्म शताब्दी समारोह में कई कार्यक्रम करेगी सेना

1971 में भारत-पाक युद्व में कुशल नेतृत्व के लिये उल्लेखनीय रूप से जाने जाते है।

Highlightsबीकानेर गंगा रिसाला में भर्ती हुए उसके बाद नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत हुए और फिर बीकानेर गंगा रिसाला में ही लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन लिया। सैन्य जीवन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल के प्रतिष्ठित पद तक पहुंचे और कई चुनौतीपूर्ण सैन्य अभियानों में प्रदर्शन से प्रसिद्वि हासिल की।

भारतीय सेना लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह के जन्म शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम कर रही है। सेना प्रवक्ता कर्नल सोंबित घोष ने बताया कि जयपुर की सप्त शक्ति कमान के तत्वावधान में आठ जुलाई से शुरू हुए सगत सिंह के जन्म शताब्दी समारोह के तहत जयपुर सहित राज्य के अन्य हिस्सों के स्कूलों में प्रेरक व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को जनरल सगत सिंह की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण जोधपुर मिलिट्री स्टेशन के स्पोर्टस स्टेडियम में किया जायेगा और 16—17 जुलाई को जोधपुर में सेमिनार व हथियार प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा।

लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह का जन्म राजस्थान के चूरू जिले के कुसुमदेसर (मोडा) गांव में 14 जुलाई 1919 को हुआ था। वे तीन भाइयों और छह बहनों में सबसे बड़े थे। उन्होंने 1936 में बीकानेर के वाल्टर नोबल्स हाई स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।

उन्होंने बीकानेर के डूंगर कॉलेज से 1938 में इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद बीकानेर गंगा रिसाला में भर्ती हुए उसके बाद नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत हुए और फिर बीकानेर गंगा रिसाला में ही लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन लिया। सिंह ने अपने सैन्य जीवन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल के प्रतिष्ठित पद तक पहुंचे और कई चुनौतीपूर्ण सैन्य अभियानों में प्रदर्शन से प्रसिद्वि हासिल की।

1971 में भारत-पाक युद्व में कुशल नेतृत्व के लिये उल्लेखनीय रूप से जाने जाते है। उनकी 4 कोर ने मेघना नदी को पार कर ढाका पर कब्जा किया था इससे पाकिस्तान सेना की लडाई करने की क्षमता टूट गई और उन्होंने हथियार डाल दिये। सिंह को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 

Web Title: Nation remembers Lt Gen Sagat Singh, the hero of Goa and Bangladesh liberation wars

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