NASA के मून मिशन के ऑर्बिटर को मिला चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर, ट्वीट की तस्वीर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 3, 2019 06:30 AM2019-12-03T06:30:45+5:302019-12-03T08:58:13+5:30
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था लेकिन लैंडर से संपर्क टूट जाने के बाद से उसका कुछ पता नहीं चल सका।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। नासा ने कहा कि चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर मिल गया है, जो 7 सितंबर को चंद्रमा के जमीनी संपर्क से पहले खो गया था। नासा ने ट्वीट कर विक्रम लैंडर की तस्वीरें शेयर की हैं।
एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक नासा ने कहा कि चंद्रयान 2 विक्रम लैंडर मिल गया है। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर ने इसकी तस्वीरें भी खींच ली थी। अमेरिकी आर्बिटर को विक्रम लैंडर के तीन टुकड़े मिले हैं। वहीं, बताया जा रहा है कि विक्रम लैंडर का मलबा क्रैश साइट से 750 मीटर दूर मिला है।
NASA (National Aeronautics and Space Administration) says that their NASA Moon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter, has found the #Chandrayaan2 Vikram Lander. pic.twitter.com/71SPVMBIJM
— ANI (@ANI) December 2, 2019
नासा ने एक बयान में कहा, "शनमुगा शानमुगा द्वारा मुख्य दुर्घटनास्थल के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे को पहले मोज़ेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) में सिंगल पिक्सेल पहचान थी। नवंबर मोज़ेक सबसे अच्छा दिखाता है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2x2 पिक्सेल के हैं।''
इससे पहले एजेंसी नासा ने कहा है कि चंद्रमा क्षेत्र के पास से हाल में गुजरे उसके चंद्रमा ऑर्बिटर द्वारा कैद की गई तस्वीरों में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का कोई सुराग नहीं मिला था। यह ऑर्बिटर चंद्रमा के उस क्षेत्र से गुजरा था जहां भारत के महत्त्वाकांक्षी मिशन ‘चंद्रयान-2’ ने सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था लेकिन लैंडर से संपर्क टूट जाने के बाद से उसका कुछ पता नहीं चल सका।