मोदी सरकार ने अल जजीरा और बीबीसी से मांगे कश्मीर में हुए प्रदर्शन के सबूत, कहा- मनगढ़ंत चलाई खबरें

By रामदीप मिश्रा | Published: August 12, 2019 07:45 PM2019-08-12T19:45:36+5:302019-08-12T19:45:58+5:30

कश्मीर को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टिंग पर आईएंडबी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो गहरी नजर रख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी रिपोर्ट में चार वीडियो और सात रिपोर्टों को 'भ्रामक और फेक' के रूप में चिह्नित किया है।

Narendra Government contacts Al Jazeera and BBC for their Fabricated video on Kashmir | मोदी सरकार ने अल जजीरा और बीबीसी से मांगे कश्मीर में हुए प्रदर्शन के सबूत, कहा- मनगढ़ंत चलाई खबरें

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Highlightsदेश की नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से संपर्क किया है। इसमें अल जज़ीरा और बीबीसी का नाम शामिल है।दोनों मीडिया संस्थानों की ओर शुक्रवार को श्रीनगर में 'बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों का वीडियो' प्रसारित किया था, जिस पर सरकार का कहना है कि यह खबर मनगढ़ंत थीं।

देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से संपर्क किया है। इसमें अल जज़ीरा और बीबीसी का नाम शामिल है। दरअसल, दोनों मीडिया संस्थानों की ओर शुक्रवार को श्रीनगर में 'बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों का वीडियो' प्रसारित किया था, जिस पर सरकार का कहना है कि यह खबर मनगढ़ंत थीं। इसको लेकर मीडिया संस्थानों का कहना है कि उनके पास वीडियो फुटेज हैं और यदि आवश्यक हो तो वे रॉ फुटेज दे सकते हैं।

बता दें कि कश्मीर को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्टिंग पर आईएंडबी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो गहरी नजर रख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी रिपोर्ट में चार वीडियो और सात रिपोर्टों को 'भ्रामक और फेक' के रूप में चिह्नित किया है। इनमें घाटी में भारत विरोधी प्रदर्शन, अधिक तनाव और उग्रवाद में वृद्धि जैसे कारक शामिल हैं।

खबरों के मुताबिक, मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें विदेशी मीडिया संस्थानों से प्रतिक्रिया का इंतजार है, लेकिन अभी तक वे वीडियो नहीं दे पाए हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी लोग बीबीसी उर्दू वीडियो का जिक्र कर रहे हैं और अब तक रॉ-फुटेज  नहीं दिया गया है।

सरकार का कहना है कि मीडिया संस्थानों की ओर से रिपोर्ट में दावा किया कि घाटी में 10,000 से अधिक लोगों ने शुक्रवार सुबह भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और एक अन्य ने कहा गया कि सेना ने पश्चिमी श्रीनगर में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों का मुकाबला करने के लिए हिंसा का सहारा लिया है। 

सरकार का कहना है कि जो वीडियो सबसे ज्यादा चिंताजनक हैं वह यह है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बैनर तले मार्च करते हुए कहा कि हम आजादी चाहते हैं और अनुच्छेद 370 का हनन हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। यह उस समय हुआ है जब कथित तौर पर शुक्रवार की सुबह कुछ घंटो के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।

गृह मंत्रालय ने एक बयान में इन खबरों का खंडन किया और कहा कि केवल श्रीनगर और बारामुला में विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां 20 से अधिक लोग मौजूद नहीं थे। जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने बाद में स्पष्ट किया कि पुलिस ने पिछले छह दिनों में एक भी गोली नहीं चलाई है। स्थिति शांत है और लोग सहयोग कर रहे हैं। साथ ही साथ स्थिति को कम करने के लिए प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है।

सरकारी अधिकारी द्वारा की गई पूछताछ में पता चला है कि वीडियो को पहले अल जज़ीरा और फिर बीबीसी ने चलाया। इसके अलावा बीबीसी ने सभी क्षेत्रीय चैनलों में प्रसारित किया गया। 

Web Title: Narendra Government contacts Al Jazeera and BBC for their Fabricated video on Kashmir

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