दाभोलकर मर्डर केस: सीबीआई ने नहीं जमा की चार्जशीट, क्या जान बुझकर की गई धीमी की जांच
By भाषा | Published: December 14, 2018 08:16 PM2018-12-14T20:16:10+5:302018-12-14T20:16:10+5:30
पीठ दाभोलकर और दिवंगत वामपंथी नेता गोविंद पानसरे के परिजनों द्वारा अदालत की निगरानी में हत्या की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से पूछा कि क्या उसने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की अपनी जांच को ‘‘हल्का’’ या ‘‘धीमा करने’’ का प्रयास किया था।
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने सीबीआई द्वारा सीलबंद लिफाफे में अदालत के सामने पेश की प्रगति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद यह सवाल पूछा।
पीठ ने कहा कि सीबीआई द्वारा सौंपी गई पिछली रिपोर्टों में, एजेंसी ने एक दक्षिणपंथी संगठन के कुछ व्यक्तियों का नाम लिया था और कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि शुक्रवार को सौंपी गई रिपोर्ट में सीबीआई ने अदालत से कहा कि उसे इन लोगों के खिलाफ ‘‘अभियोजन लायक और साक्ष्यों’’ की जरूरत है क्योंकि उनके खिलाफ पिछले निष्कर्ष केवल अन्य आरोपियों द्वारा दिये गये बयानों पर आधारित थे।
पीठ ने कहा, ‘‘इस वजह से हम सीबीआई से पूछना चाहते हैं कि क्या कुछ लोगों के खिलाफ उसकी जांच को हल्का करने या धीमा करने के इरादतन प्रयास किये गये।’’
हालांकि सीबीआई ने अतिरिक्त सालीसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि वह किसी भी तरह से जांच को हल्का करने का प्रयास नहीं कर रही है।
पीठ दाभोलकर और दिवंगत वामपंथी नेता गोविंद पानसरे के परिजनों द्वारा अदालत की निगरानी में हत्या की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।